Maharashtra: जेल में मुझे परेशान किया गया, लेकिन वे मेरी आस्था को डिगा नहीं सके- सांसद नवनीत राणा
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान करने के बाद अपनी गिरफ्तारी को याद करते हुए भावुक नजर आईं लोक सभा की सदस्य नवनीत राणा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जेल में उन्हें ‘‘परेशान’’ किया गया था, लेकिन इससे उनकी आस्था कमजोर नहीं हुई.
अमरावती (महाराष्ट्र), 6 अप्रैल : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान करने के बाद अपनी गिरफ्तारी को याद करते हुए भावुक नजर आईं लोक सभा की सदस्य नवनीत राणा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जेल में उन्हें ‘‘परेशान’’ किया गया था, लेकिन इससे उनकी आस्था कमजोर नहीं हुई. राणा ने बृहस्पतिवार को हनुमान जयंती और अपने जन्मदिन के अवसर पर यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ठाकरे का घमंड अधिक देर तक नहीं टिकेगा. मुंबई में ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान करने के बाद अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत और उनके पति एवं विधायक रवि राणा को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. उन्हें बाद में जमानत मिल गई थी.
नवनीत उस समय को याद करते हुए भावुक हो गई और उन्होंने कहा कि उनके बच्चे पूछा करते थे कि उन्होंने क्या किया है और उन्हें जेल में बंद क्यों किया गया है? उन्होंने कहा, ‘‘जेल में मुझे परेशान किया गया, लेकिन वे मेरी आस्था को नहीं डिगा पाए.’’ सांसद ने कहा कि जब (कारावास के बाद) अस्पताल में उनके भर्ती होने पर उनके पति उनसे मिलने आए थे और वह उनसे मिलकर रोई थीं, तो उन पर उंगलियां उठाई गई थीं. उन्होंने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका ‘‘घमंड’’ बहुत देर तक नहीं टिकेगा. यह भी पढ़ें : ‘आप’ ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील रिंकू को उम्मीदवार बनाया
उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम ने बड़े-बड़ों के घमंड को तोड़ा है.’’ सांसद ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी पार्टी एवं उसकी विचारधारा को बरकरार नहीं रख पाए. उन्होंने शिव सेना में फूट पड़ने का जिक्र करते हुए यह बात कही. शिवसेना के कुछ विधायकों के बागी हो जाने के कारण ठाकरे नीत पूर्व राज्य सरकार गिर गयी थी. उन्होंने कहा, ‘‘(शिवसेना के संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे यह देखकर रोते होंगे कि उनका अपना बेटा उनकी विचारधारा को बरकरार नहीं रख सका और उसने इसे दफना दिया.’’