'मुझे भारत में बना कोविशील्ड टीका लगा': संरा महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि उन्होंने भारत में निर्मित कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकें ली हैं. ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड टीके का उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करता है.
संयुक्त राष्ट्र, 2 अक्टूबर : संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि उन्होंने भारत में निर्मित कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकें ली हैं. ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड टीके का उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करता है. शाहिद ने शुक्रवार को यहां अपनी पहली प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘टीकों के बारे में, यह एक बहुत ही तकनीकी प्रश्न है जो आपने मुझसे पूछा है. मुझे भारत में बना कोविशील्ड टीका लगा है, मुझे दोनों खुराकें मिल गई हैं. मुझे नहीं पता कि कितने देश कहेंगे कि कोविशील्ड स्वीकार्य है या नहीं, लेकिन दुनिया के कई देशों को कोविशील्ड मिला है.”
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या किसी कोविड टीके को मान्यता दी जानी चाहिए और उन पर विचार किया जाना चाहिए या उन टीकों पर जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) या किसी अन्य संगठन द्वारा मान्य किया गया है. उन्होंने हंसते हुए कहा, “मैं जीवित हूं. लेकिन किसी दूसरे को, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े किसी व्यक्ति को इसपर फैसला लेने दें, मुझे नहीं.” यह भी पढ़ें : ब्रिटेन पर जवाबी प्रतिबंध : भारत आने वाले ब्रिटिश नागरिकों को 10 दिनों तक रहना होगा क्वारंटीन
भारत ने अनुदान, वाणिज्यिक खेपों और कोवैक्स पहल के माध्यम से लगभग 100 देशों को 6.6 करोड़ से अधिक टीकों की खुराकों का निर्यात किया है. शाहिद का देश, मालदीव, जनवरी में भारत निर्मित टीके प्राप्त करने वाले पहले देशों में से एक था, कोविशील्ड की 1,00,000 खुराक वहां भेजी गई थीं. ब्रिटेन ने शुरू में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड को मान्यता देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, इस फैसले पर भारत की कड़ी आलोचना के बाद, उसने 22 सितंबर को अपने नए दिशानिर्देशों में संशोधन किया और टीक को शामिल किया.