ताजा खबरें | कानून का राज देने के लिये मुझे बुलडोजर की जरूरत नहीं : मायावती

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर अपने राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि जब वह राज्य की मुख्यमंत्री थीं तब उन्हें कानून का शासन देने के लिये मौजूदा भाजपा सरकार की तरह बुलडोजर की जरूरत नहीं थी।

मैनपुरी (उप्र), दो मई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर अपने राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि जब वह राज्य की मुख्यमंत्री थीं तब उन्हें कानून का शासन देने के लिये मौजूदा भाजपा सरकार की तरह बुलडोजर की जरूरत नहीं थी।

मायावती ने यहां एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए कहा, ''जब बसपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी तब हमने हिंदू-मुस्लिम दंगे नहीं होने दिए। सभी धार्मिक समूहों, उनके जीवन, संपत्तियों और धार्मिक मान्यताओं का सम्मान किया गया। क्या आपने उत्तर प्रदेश में मेरी सरकारों के दौरान दंगों के बारे में सुना है? प्रदेश में बाकी जो भी पार्टी सत्ता में रही, चाहे वह समाजवादी पार्टी हो, कांग्रेस हो या वर्तमान भाजपा हो, सभी में दंगे हुए हैं।''

बसपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी उन लोगों को आश्चर्यचकित कर सकती है जो आरोप लगा रहे हैं कि बसपा ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में दूसरों को जिताने या हराने में मदद करने के लिए ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

मायावती ने यह भी याद दिलाया कि कैसे उनकी सरकार के शासनकाल में 2010 में उच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले पर फैसला सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में पूर्ण शांति बनी रही थी।

उन्होंने कहा, ''उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी जगह स्कूल, कॉलेज, कार्यालय बंद थे लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं था। इस राज्य में एक छोटी सी भी घटना नहीं हुई थी। हमने सभी धर्मों और जातियों के लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ सभी के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।''

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले का फैसला 30 सितंबर 2010 को सुनाया गया था। उस वक्त मायावती राज्य की मुख्यमंत्री थीं।

बसपा अध्यक्ष ने कहा, ''जब भी त्यौहार होते थे तब प्रदेश में कोई न कोई घटना घटती थी लेकिन आपने मेरे कार्यकाल में कानून व्यवस्था देखी है। कानून का राज था। इसके लिए हमें मौजूदा भाजपा सरकार की तरह बुलडोजर की जरूरत नहीं पड़ी थी। हमने कानून के जरिए कानून का राज स्थापित किया था।''

मायावती ने मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद में अपनी पार्टी के तीनों उम्मीदवारों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें किसी को जिताने या हराने में मदद करने के लिए नहीं बल्कि खुद रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतारा गया है।

उन्होंने कहा, ''यहां मैनपुरी में विरोधी प्रचार कर रहे हैं कि बसपा दूसरों को जिता देगी या हरा देगी, लेकिन खुद नहीं जीत पाएगी।''

बसपा अध्यक्ष ने यह भी दोहराया कि पिछले कुछ वर्षों में हिंदुत्व की आड़ में खासकर नफरत की भावना के कारण मुसलमानों का शोषण और उत्पीड़न हुआ है, जिसे बसपा के सत्ता में आने पर रोका जाएगा, जैसा कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान किया था।

कांग्रेस, भाजपा और उनके समर्थक दलों को सत्ता में आने से रोकने की अपील करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा अगर केंद्र की सत्ता में आई तो ठोस काम करेगी जैसा उसने उत्तर प्रदेश में अपने शासनकाल में किया था।

मायावती ने मैनपुरी से अपनी पार्टी के उम्मीदवार शिव प्रसाद यादव, एटा से प्रत्याशी मोहम्मद इरफान और फिरोजाबाद से उम्मीदवार चौधरी बशीर के लिए समर्थन मांगा।

मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद में तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा।

सलीम

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