गृहमंत्री अमित शाह उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें संपर्क, बिजली, नदी जल के बंटवारे और सामान्य हितों के अन्य मामलों पर चर्चा की जाएगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

Amit Shah (Photo Credit: IANS Twitter)

नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें संपर्क, बिजली, नदी जल के बंटवारे और सामान्य हितों के अन्य मामलों पर चर्चा की जाएगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मध्य क्षेत्रीय परिषद में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं.

अधिकारियों ने बताया कि परिषद की 24वीं बैठक में राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि परिषद संपर्क, बिजली, नदी जल के बंटवारे और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा करेगी.

स्थापित प्रक्रिया और प्रथा के अनुसार, क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति की बैठक होती है, जिसमें परिषद के समक्ष रखे जाने वाले एजेंडे की समीक्षा की जाती है और प्राथमिकता तय की जाती है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने की अपनी समग्र रणनीति के तहत नियमित रूप से क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें कर रही है. क्षेत्रीय परिषद एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर व्यवस्थित तरीके से चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती है.

अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले आठ वर्षों में क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है. क्षेत्रीय परिषद सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं. जोनल काउंसिल केंद्र और राज्यों और जोन में आने वाले एक या कई राज्यों से जुड़े मुद्दों को उठाती हैं. इस प्रकार, क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और राज्यों के बीच और एक क्षेत्र में राज्यों के बीच विवादों और परेशानियों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं.

क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों का उपयोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए किया जाता है.

परिषद की बैठकों में सीमा संबंधी विवादों, सुरक्षा, बुनियादी ढांचे से संबंधित मामलों जैसे सड़क, परिवहन, उद्योग, जल और बिजली, वन और पर्यावरण, आवास, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, पर्यटन और परिवहन आदि से संबंधित मामलों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है.

देश में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं। इनकी स्थापना 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के तहत की गई थी.

केंद्रीय गृह मंत्री पांच क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष होते हैं और मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री (हर साल बारी-बारी से चुने जाने वाले) उपाध्यक्ष होते हैं. प्रत्येक राज्य से दो और मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा सदस्य के रूप में नामित किया जाता है।

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