ED अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को देने संबंधी याचिका पर उच्च न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रखा

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख के परिसरों पर छापेमारी करने गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों पर हमले की जांच राज्य पुलिस से केंदीय अन्वेषण ब्यूरो को हस्तांतरित करने संबंधी ईडी की याचिका पर सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.

Calcutta High Court | Credit- ANI

कोलकाता, 4 मार्च : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख के परिसरों पर छापेमारी करने गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों पर हमले की जांच राज्य पुलिस से केंदीय अन्वेषण ब्यूरो को हस्तांतरित करने संबंधी ईडी की याचिका पर सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ईडी, राज्य सरकार और केंदीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने राज्य पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया और कहा कि यद्यपि शेख के खिलाफ 40 से अधिक मुकदमे वर्षों से लंबित हैं, लेकिन पुलिस ने संदेशखालि में टीएमसी नेता के यहां छापेमारी के दौरान लगभग 1,000 लोगों की उग्र भीड़ द्वारा ईडी अधिकारियों पर किए गए हमले के बाद उसे (शेख को) गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी थी. यह भी पढ़ें : कांग्रेस नेता हरक सिंह की पत्नी दीप्ति रावत से ईडी ने देहरादून स्थित कार्यालय में की पूछताछ

राजू ने दावा किया कि ऐसा शेख को सीबीआई हिरासत से बचाने के लिए किया गया था, भले ही जांच उसे (सीबीआई को) क्यों न हस्तांतरित कर दी जाए, क्योंकि किसी आरोपी की अधिकतम पुलिस हिरासत अवधि 14 दिन होती है. राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने जांच हस्तांतरित करने की अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि राज्य पुलिस ने ही ईडी अधिकारियों को बचाया और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि से उनके लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने में सफलता हासिल की. सीबीआई के वकील ने कहा कि अगर अदालत निर्देश देगी तो एजेंसी जांच करने को तैयार है.

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