नयी दिल्ली, 29 जून : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मॉनसून के दौरान और साल के अन्य महीनों में राष्ट्रीय राजधानी में वर्षा जल संचय करने और ट्रैफिक जाम में कमी लाने के विषय पर केंद्र और दिल्ली सरकार तथा स्थानीय प्राधिकरणों को अपना रुख बताने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा, ‘‘यह लोकहित का मुद्दा है.’’ इसके साथ ही पीठ ने अधिकारियों को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा भी शामिल है.
अदालत ने मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया. अदालत ने लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड , दिल्ली छावनी बोर्ड, नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और बाढ़ एवं सिंचाई विभाग को भी नोटिस जारी किया. पीठ ने मामले को विचार के लिए चार जुलाई को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अदालत के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. यह भी पढ़ें : ऋषिकेश में अज्ञात बीमारी से 80 सुअरों की मौत से मचा हड़कंप
हाल में अदालत द्वारा जारी आदेश में कहा गया,‘‘पक्षकार रिपोर्ट दाखिल करें ...जिनमें एजेंसियों द्वारा वर्षा जल संचय के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख हो. मानसून और अन्य समय में ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख हो.’’ अदालत ने आदेश में वर्षा जल सचंय की कोशिश की कमी को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली में ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या है जिसपर हमारे हिसाब से आसानी से नियंत्रण और विनियमन वर्षा जल प्रबंधन के साथ-साथ गूगल मैप की सहायता से किया जा सकता है.’’