देश की खबरें | दिल्ली में लू का प्रकोप कम हुआ: आईएमडी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को हल्की बारिश और आंधी के कारण लू के प्रकोप में कमी आई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 20 जून राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को हल्की बारिश और आंधी के कारण लू के प्रकोप में कमी आई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने एम्स व केंद्र संचालित तीन अन्य अस्पतालों का दौरा कर तापाघात के मरीजों से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया।
आईएमडी ने बताया कि अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा जो मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है।
आईएमडी ने कहा, "वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आने वाली निचले स्तर की पूर्वी हवाओं के प्रभाव से बृहस्पतिवार को दिल्ली में लू की स्थिति में कमी आई।"
मौसम विभाग ने शुक्रवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने तथा बारिश और धूल भरी आंधी चलने की संभावना जताई है। विभाग ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 40 और 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
आर्द्रता 67 प्रतिशत से 46 प्रतिशत के बीच रही।
राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तर भारत के कई हिस्से लंबे समय से भीषण गर्मी की चपेट में हैं जिससे तापघात से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है और केंद्र ने अस्पतालों को ऐसे रोगियों के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने का परामर्श जारी किया है।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि पिछले तीन दिनों में दिल्ली के आसपास निम्न तबके के 50 लोगों के शव बरामद किए गए हैं।
उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बृहस्पतिवार को कहा कि यहां तापघात से मरने वाले 14 मरीजों में से लगभग सभी को अन्य बीमारियां भी थीं जिससे उनकी हालत बिगड़ गई।
भारद्वाज ने मदन मोहन मालवीय अस्पताल का निरीक्षण किया जहां उन्होंने उपचार सुविधाओं का जायजा लिया और तापघात के रोगियों से बातचीत की।
उन्होंने चिकित्सकों से भी बातचीत की गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचाव के उपायों के महत्व पर बल दिया और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने निरीक्षण के दौरान एक बयान में कहा, "मुझे मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों लगभग 310 'तापघात' के मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे जिनमें से 112 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं।"
उन्होंने कहा, "जिन 14 तापघात के रोगियों की मृत्यु हुई उनमें से लगभग सभी को पहले से ही कैंसर या किडनी रोग जैसी कोई गंभीर बीमारी थी, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ गई और उनकी मृत्यु हो गई।"
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में गर्मी से भीषण गर्मी से संबंधित लोगों की मौत की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड और समाज कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने को कहा है।
उपराज्यपाल कार्यालय ने एक पत्र में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे निराश्रित, बेघर और गरीबों को पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त उपाय सुनिश्चित करें।
उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी के कारण पिछले दो दिनों में कम से कम 20 लोगों की मौत से संबंधित एक खबर का हवाला दिया।
पत्र में कहा गया है, "52 लोगों को कथित तौर पर (अस्पतालों में) मृत घोषित कर दिया गया और इनमें से अधिकतर बेसहारा बेघर लोग थे। वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक प्रतीत होती है। उपराज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से व्यथित हैं।"
पत्र के अनुसार उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) , समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव स्तर पर एक बैठक बुलाई जाए।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों का दौरा किया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया (आरएमएल), सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पताल पहुंची टीम ने यहां तापाघात (हीटस्ट्रोक) के मरीजों से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही पिछले कुछ दिनों में तापाघात के कारण हुई मौतों की संख्या का आकलन भी किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डाक्टर अतुल गोयल के नेतृत्व में इस तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।
नड्डा ने बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि वे लू की स्थिति जारी रहने तक केंद्र सरकार के अस्पतालों का नियमित दौरा करें और लू से पीड़ित मरीजों के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा करें।
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