Haryana Politics: नायब सिंह सैनी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया
हरियाणा में सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुने गए पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया.
चंडीगढ़, 12 मार्च : हरियाणा में सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुने गए पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया. सैनी जब यहां राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे, तो उनके साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के लिये भाजपा के प्रभारी बिप्लब देब भी थे. शाम को आयोजित होने वाले एक समारोह में नायब सिंह सैनी राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. सैनी (54) को खट्टर का करीबी माना जाता है. वह खट्टर की जगह लेंगे, जिनका अक्टूबर के अंत में मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल खत्म होना था.
भाजपा ने लोकसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले यह आश्चर्यजनक कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को हरियाणा में ही थे. गुरुग्राम में एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने खट्टर की जमकर तारीफ की थी. तब किसी को यह अंदाजा नहीं था कि अगले ही दिन खट्टर को इस्तीफा देना पड़ जाएगा.
थानेसर से भाजपा के विधायक सुभाष सुधा और कृषि मंत्री जेपी दलाल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सैनी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नया नेता चुना गया है. खट्टर और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने मंगलवार को राज्यपाल दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के गठबंधन में दरारें उभरने की अटकलों के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है. यह भी पढ़ें : केंद्र ने आंध्र प्रदेश में राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 1,347 करोड़ रुपये के पैकेज को दी मंजूरी
कैबिनेट में खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा के तीन मंत्रियों समेत 14 मंत्री शामिल थे.अधिकारियों ने कहा कि सभी ने
इस्तीफा दे दिया है. फिलहाल 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 41, जबकि जजपा के 10 विधायक हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. बहुमत के लिए 46 विधायकों की आवश्यकता है. जजपा का समर्थन न होने पर भी भाजपा सहज स्थिति में है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक विधायक है.