चंडीगढ़, 12 सितंबर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।
इससे एक दिन पहले ही कैबिनेट ने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी।
हरियाणा विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्यपाल ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 (2) (बी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। यह अनुच्छेद राज्य के राज्यपाल को विधानसभा को भंग करने की शक्ति देता है।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल दत्तात्रेय से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी, ताकि अंतिम बैठक से छह महीने की अवधि समाप्त होने से पहले सत्र बुलाने से बचा जा सके।
वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल तीन नवंबर को खत्म हो रहा था।
सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल के विधानसभा भंग करने के कदम के बाद, नायब सिंह सैनी नीत सरकार चुनाव बाद सरकार के गठन तक कार्यवाहक सरकार के तौर पर दायित्वों का निर्वहन करेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने पहले कहा था कि पिछले सत्र से छह महीने की अवधि समाप्त होने से पहले सदन की बैठक बुलाना संवैधानिक आवश्यकता थी। विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करने का कैबिनेट का कदम किसी भी संवैधानिक संकट को टालने के लिए प्रतीत होता है।
हरियाणा विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जब नायब सिंह सैनी सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था और अगला सत्र आगामी 12 सितंबर तक बुलाया जाना जरूरी था।
सैनी ने मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था। खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं।
सरकार आमतौर पर अगस्त में मानसून सत्र बुलाती रही है। हालांकि, 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा कर दी गई जिसके बाद सरकार ने सत्र नहीं बुलाया।
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच अक्टूबर को चुनाव हैं और मतगणना आठ अक्टूबर को की जाएगी। भंग कर दी गई विधानसभा में भाजपा के 41, कांग्रेस के 28, जनजनायक जनता पार्टी (जजपा) के छह, हरियाणा लोकहित पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के एक-एक सदस्य थे जबकि चार निर्दलीय थे। वहीं, नौ सीट खाली थीं।
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