जरुरी जानकारी | निर्यात बढ़ाने की तैयारी में गुजरात शीर्ष पर, महाराष्ट्र, तमिलनाडु दूसरे- तीसरे स्थान पर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. नीति आयोग की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक आयोग के ‘निर्यात तत्परता सूचकांक 2020’ में गुजरात शीर्ष पर है, जबकि महाराष्ट्र का दूसरा और तमिलनाडु का तीसरा स्थान है।

नयी दिल्ली, 26 अगस्त नीति आयोग की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक आयोग के ‘निर्यात तत्परता सूचकांक 2020’ में गुजरात शीर्ष पर है, जबकि महाराष्ट्र का दूसरा और तमिलनाडु का तीसरा स्थान है।

रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 10 राज्यों में आठ तटीय राज्यों में से छह जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक और केरल शामिल हैं। इस सूचकांक से पता चलता है कि किस राज्य में निर्यात को बढ़ावा दने के लिेए कितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यह भी पढ़े | JEE And NEET Exams Guidelines: जेईई मेन (JEE Main) और नीट (NEET) परीक्षा से पहले NAT ने जारी की गाइडलाइन, छात्रों को करना होगा इन नियमों का पालन.

भूमि से घिरे राज्यों में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है, जिसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान रहा है।

पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड रैकिंग में सबसे ऊपर रहा है। इसके बाद त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश का स्थान रहा है। वहीं यदि केन्द्र शासित प्रदेशों की बात की जाये तो दिल्ली ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, इसके बाद गोवा और चंडीगढ़ का स्थान रहा है।

यह भी पढ़े | 7th Pay Commission: इस सरकारी पेंशन स्कीम में आप भी कर सकते है निवेश, बुढ़ापे में नहीं होगी पैसे की किल्लत.

रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो चौतरफा जमीनी सीमाओं से घिरे राज्य है जहां निर्यात को बढ़ावा देने के लिये अनेक उपाय किए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसी सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने वाले दूसरे राज्य भी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन राज्यों में अपनाई गई नीतियों का अनुसरण कर सकते हैं।

नीतियोग के इस निर्यात तत्परता सूचकांक में राज्यों को चार महत्वपूर्ण मानदंडों पर रैंकिंग दी जाती है। निर्यात को लेकर राज्यों की नीति, व्यवसायिक अनुकूलता, निर्यात से जुड़ा पूरा तंत्र और निर्यात क्षेत्र में उनका प्रदर्शन कसा रहा है यह देखा जाता है।

इस रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात, आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश को जीडीपी तथा विश्व व्यापार में निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आने वाले वर्षों में विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा दोगुना करने का प्रयास करेंगे।’’

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति निर्यात 241 अमेरिकी डॉलर है, जबकि यह आंकड़ा दक्षिण कोरिया में 11,900 डॉलर और चीन में 18,000 डॉलर है, इसलिए भारत के निर्यात में बढ़ोतरी की विशाल संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि राज्यों को निर्यात संवर्धन के लिये एक अलग विभाग बनाना चाहिये।

कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं महत्वपूर्ण हैं।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र किसी देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण योगदान करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में समक्ष बनाता है।

भारत का वस्तु निर्यात वर्ष 2016- 17 में 275.9 अरब डालर से बढ़कर 2017- 18 में 303.5 अरब डालर पर पहुंच गया। वहीं 2018- 19 में यह 331 अरब डालर को छू गया। बहरहाल, चालू वित्त वर्ष के दौरान कोविड- 19 के कारण देश के निर्यात कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\