गुजरात : अंतरधार्मिक जोड़ों को निशाना बनाने के मामले में और 14 लोग पकड़े गए
अंतरधार्मिक जोड़ों को कथित रूप से निशाना बनाने, उन्हें परेशान करने और सोशल मीडिया पर उनके वीडियो अपलोड करने के आरोप में वडोदरा से तीन लोगों की गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद इस सिलसिले में और 14 लोगों को पकड़ा गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
वडोदरा (गुजरात), 31 अगस्त: अंतरधार्मिक जोड़ों को कथित रूप से निशाना बनाने, उन्हें परेशान करने और सोशल मीडिया पर उनके वीडियो अपलोड करने के आरोप में वडोदरा से तीन लोगों की गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद इस सिलसिले में और 14 लोगों को पकड़ा गया है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. वडोदरा पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार को पकड़े गए 14 लोगों में से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और नौ अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया. विज्ञप्ति के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ आरोपियों द्वारा कुछ महीने पहले नैतिक पुलिसिंग के लिए बनाए गए 'हुसैनी आर्मी' नामक व्हाट्सऐप ग्रुप में 500 लोग शामिल हुए थे. इससे धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा होने का खतरा है.
इसमें कहा गया है कि आरोपियों ने समूह का नाम बदलकर बाद में 'महदी की सेना' कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, शहर के पुलिस प्रमुख अनुपम सिंह गहलोत ने बृहस्पतिवार को इसकी जांच अपराध शाखा को सौंप दी. विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार को गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान... अकिब अली सैय्यद, मोहसिन पठान, नोमान शेख, अबरार खान और मोइन शेख के रूप में हुई है और ये सभी वडोदरा शहर के रहने वाले हैं. ये सभी व्हाट्सऐप ग्रुप 'आर्मी ऑफ महदी' के सक्रिय सदस्य थे.
अंतरधार्मिक जोड़े का एक वीडियो ‘एक्स’ पर वायरल होने के बाद 28 अगस्त को व्हाट्सऐप ग्रुप 'आर्मी ऑफ महदी' के तीन एडमिनिस्ट्रेटर्स... मुस्तकीम शेख, बुरहान सैय्यद और साहिल शेख... को गिरफ्तार किया गया. गिरोह ऐसे जोड़ों को निशाना बनाता था और चेतावनी के तौर पर उनके वीडियो 'आर्मी ऑफ महदी' पर साझा करता था. गहलोत ने बताया कि मुख्य आरोपी ने सबसे पहले 'हुसैनी आर्मी' नाम से एक समूह बनाया, जिसमें लगभग 500 सदस्य थे.
उन्होंने कहा, ‘‘उनका (आरोपियों) उद्देश्य दूसरे धर्म के पुरुष के साथ देखे जाने पर अपने धर्म की महिलाओं पर नज़र रखना था। सदस्य ऐसे जोड़ों के वाहन के नंबर का उपयोग करके उनकी गतिविधियों पर नजर रखते थे और यह जानकारी जोड़ा जहां से गुजरता था, उस क्षेत्र में रहने वाले ग्रुप के अन्य सदस्यों को देते थे.’’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ये लोग नैतिक पुलिसिंग के नाम पर जोड़े को रोक कर उनकी पिटाई करते थे और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर डालते थे. वे महिला के माता-पिता को ब्लैकमेल करने के लिए बुलाते थे (ताकि महिला को रिश्ता खत्म करने के लिए मजबूर कर सकें). ऐसे समूह आणंद, अहमदाबाद और भावनगर जिलों में भी सक्रिय थे.’’ उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा साझा किए गए वीडियो से भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने और सांप्रदायिक झड़पों की आशंका बढ़ सकती है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी एक व्हाट्सऐप ग्रुप को 3-4 महीने तक सक्रिय रखता था और फिर एक नया ग्रुप शुरू करने से पहले उसे हटा देता था. पुलिस ने बताया, 'हुसैनी आर्मी' समूह को हटाने के बाद, आरोपी ने 'आर्मी ऑफ महदी' बनाई, जिसे हाल ही में हटाकर 254 सदस्यों वाला 'लश्कर-ए-आदम' नामक एक और समूह बनाया गया. गहलोत ने कहा, 70 से अधिक सदस्यों का पहले ही पता लगाया जा चुका है और पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस ने गिरफ्तार आठों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.
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