देश की खबरें | पुलवामा हमले में ‘खुफिया और प्रशासनिक विफलताओं’ की जवाबदेही तय करने के लिए ‘श्वेतपत्र’ लाए सरकार: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के दावों को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि ‘खुफिया, सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताओं’ की जवाबदेही तय करने के लिए ‘श्वेत पत्र’ लाया जाए।

पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि मलिक ने जो बातें की हैं, उस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।

मलिक ने एक समाचार पोर्टल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में चूक के चलते फरवरी, 2019 का पुलवामा हमला हुआ, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवानों की मौत हो गई थी।

गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब पुलवामा हमला हुआ तो मीडिया ने राहुल गांधी जी से पूछा कि क्या यह खुफिया विफलता नहीं है, क्या जवानों को हवाई मार्ग से नहीं लाया जा सकता था? राहुल गांधी जी ने जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई, इस घटना के लिए चिंता व्यक्त की लेकिन कोई राजनीतिक बात नहीं की।’’

उन्होंने कहा कि अब पूर्व सेना प्रमुख शंकर रॉय चौधरी ने पूरे मामले पर चिंता जताई है और कहा कि है कि उचित कदम उठाया जाता तो जवानों की जान बच सकती थी।

गोहिल ने कहा कि सरकार को इस पूरे मामले पर जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस से जुड़े कर्नल (सेवानिवृत्त) रोहित चौधरी और विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) अनुमा आचार्य ने भी मलिक के दावों को लेकर सरकार पर निशाना साधा।

चौधरी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को खुफिया, सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताओं की जवाबदेही तय करने के लिए एक श्वेत पत्र प्रकाशित करना चाहिए जिसके कारण 40 जवान शहीद हुए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2011 के मुंबई और 2016 के पठानकोट जैसे पहले के हमलों के बाद पूछताछ की गई और निष्कर्ष सार्वजनिक किए गए। ऐसा सच्चाई को सामने रखने, ज़िम्मेदारी तय करने और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बेहद आवश्यक था। पुलवामा मामले में भी इन प्रश्नों के जवाब दिए जाने चाहिए।’’

चौधरी ने कहा, ‘‘सरकार पुलवामा हमलों पर एक श्वेत पत्र प्रकाशितकरे ताकि सारे सवालों के जवाब मिल सके। हमला कैसा हुआ, खुफिया विफलताएं क्या थीं, सैनिकों को विमान से जाने क्यों नहीं दिया गया, किस वजह से सुरक्षा में चूक हुई, सीआरपीएफ़, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका क्या है, इन सवालों के जवाब मिलने चाहिए।’’

अनुमा आचार्य ने कहा कि सरकार को पुलवामा हमले से जुड़े प्रश्नों का जवाब देना चाहिए।

हक

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