देश की खबरें | भाजपा के 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के चुनाव आयोग की राय पर बैठे नहीं रह सकते राज्यपाल : न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ‘लाभ का पद’ मामले में भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए विचारों को मणिपुर के राज्यपाल इस तरह दबा नहीं सकते हैं।
नयी दिल्ली, नौ नवंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ‘लाभ का पद’ मामले में भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए विचारों को मणिपुर के राज्यपाल इस तरह दबा नहीं सकते हैं।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ को जब बताया गया कि निर्वाचन आयोग से 13 जनवरी, 2021 को मिली राय राज्यपाल ने अभी तक कोई फैसला नही लिया है, पीठ ने उक्त बात कही।
पीठ ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने सलाह दे दी है। राज्सपाल आदेश पारित क्यों नहीं कर सकते हैं? सरकार को राज्यपाल से पूछना चाहिए। कुछ किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग इस संबंध में अपनी राय जनवरी में ही दे चुका है। राज्यपाल इस फैसले को यूं दबाकर नहीं बैठ सकते हैं।’’
शीर्ष अदालत कारोंग से विधायक डी. डी. थाईसी और अन्य द्वारा 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
राज्य सरकार के वकील ने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सालिसीटर जनरल दूसरी पीठ के समक्ष एक अन्य मामले में बहस कर रहे हैं।
इस पर न्यायालय ने इसकी सुनवाई 11 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।
मणिपुर से भाजपा के 12 विधायकों पर 2018 में ‘लाभ के पद’ मामले में संसदीय सचिव के पद पर आसीन होने की वजह से अयोग्यता की तलवार लटकी है।
इस मामले में राज्यपाल ने पिछले साल अक्टूबर में निर्वाचन आयोग की राय मांगी थी।
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