देश की खबरें | भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की बिल्कुल सहन नहीं करने की नीति: गहलोत

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जयपुर, 24 जनवरी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल सहन नहीं करने की (जीरो टॉलरेंस) नीति है और एसीबी इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए और मजबूती से काम करे।

एसीबी को भ्रष्टाचार के मामलों में आगे बढ़कर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में करीब 90 प्रतिशत मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई है, जो भ्रष्टाचार के विरूद्ध हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने निर्देश दिए कि जो मामले किन्हीं कारणों से लंबित हैं उनमें प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेकर अभियोजन स्वीकृति में देरी नहीं की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की 'जीरो टोलरेंस' की नीति का ही परिणाम है कि एसीबी ने वर्ष 2021 में जाल बिछाकर 430 कार्रवाई की और भ्रष्ट कार्मिकों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा जो ब्यूरो की स्थापना के बाद किसी वर्ष में सर्वाधिक है।

उन्होंने कहा कि एसीबी ने पिछले वर्ष भारत सरकार के 32 अधिकारी भी रिश्वत के मामलों में गिरफ्तार किए और 575 अभियोगों का निस्तारण किया, जो एक उपलब्धि है।

गहलोत ने कहा कि वर्ष-2021 में कुल 587 मामलों में अभियोजन स्वीकृति के निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिये गए, जो अब तक के सर्वाधिक हैं। उन्होंने एसीबी को पिछली समीक्षा बैठक में दिये गए निर्देशों का अनुपालन जल्द से जल्द सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, उन्होंने भ्रष्ट कार्मिकों एवं संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को उचित संरक्षण दिया जाए ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एसीबी अधिकारियों से बात की, उनके अनुभव पूछे एवं विभाग की बेहतरी के संबंध में सुझाव भी सुने।

एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि संगठित भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई के साथ त्वरित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही, पुराने लंबित प्रकरणों का भी समयबद्ध निस्तारण किया जा रहा है।

सोनी ने बताया कि एसीबी को 239 अधिकारी-जवान मिले हैं, इससे अनुसंधान कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि कार्य संतोषजनक नहीं होने पर वर्ष 2021 में 85 कार्मिकों को एसीबी से उनके मूल पदस्थापन पर भेजा गया है।

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