सरकार को गाजा में पूर्व सैन्य अधिकारी की हत्या की कड़ी निंदा करनी चाहिए: तृणमूल कांग्रेस सांसद

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर आग्रह किया कि सरकार गाजा में एक हमले में भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी के मारे जाने की कड़ी निंदा करे.

Trinamool Congress

नयी दिल्ली, 15 मई : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर आग्रह किया कि सरकार गाजा में एक हमले में भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी के मारे जाने की कड़ी निंदा करे. भारतीय सेना से 2022 में समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्नल वैभव अनिल काले (46) दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (यूएनडीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे. सोमवार की सुबह यूएनडीएसएस के अन्य कर्मचारियों के साथ वह संयुक्त राष्ट्र के वाहन में रफह स्थित ‘यूरोपियन अस्पताल’ जा रहे थे तभी हमले की चपेट में आ गए.

गोखले ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "यह चौंकाने वाली बात है कि इजराइल ने गाजा में भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल की हत्या कर दी और बेशर्म मोदी सरकार ने एक शब्द भी नहीं बोला." गोखले ने कहा कि जब पूर्व सैन्य अधिकारी की हत्या की गई तो वह संयुक्त राष्ट्र के वाहन में यात्रा कर रहे थे. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे अपने पत्र में कहा, "खबर के अनुसार यह स्पष्ट है कि कर्नल काले की मौत तब हुई जब उनके काफिले पर इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा हमला किया गया. अंतरराष्ट्रीय कानून संघर्ष क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर सैन्य हमले को प्रतिबंधित करता है." उन्होंने कहा, "यह बहुत चिंता की बात है कि भारत सरकार ने न तो इजरायली बलों द्वारा किए गए इस जघन्य कृत्य की निंदा की है और न ही इजरायली दूतावास को इस अकारण हमले के संबंध में कार्रवाई करने के लिए कोई पत्र जारी किया है.'' उन्होंने कहा, "कर्नल काले भारत के एक बहादुर बेटे थे, जो युद्ध क्षेत्र में निस्वार्थ कार्य कर रहे थे. एक अनुभवी पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारी पर इजरायली सशस्त्र बलों द्वारा हमला अस्वीकार्य है." यह भी पढ़ें : Hyderabad: कामिनेनी अस्पताल के डॉक्टरों ने 66 वर्षीय शख्स के हृदय की ग्रासनली में फंसी मटन की हड्डी को सफलतापूर्वक निकाला (See Pic)

उन्होंने कहा कि यह घटना भारत सरकार की ओर से कड़ी निंदा की हकदार है और उन्होंने विदेश मंत्री से इस घटना की कड़ी से कड़ी निंदा करने का अनुरोध किया. उन्होंने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के तहत इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा कर्नल काले की हत्या की कड़ी से कड़ी निंदा करें और इस मामले पर इज़राइल सरकार से बात करके त्वरित जांच की मांग करें." उन्होंने कहा कि सरकार को इस कठिन समय में कर्नल काले की पत्नी और दोनों बच्चों को हरसंभव मदद, समर्थन और सहायता देनी चाहिए. काले की हत्या पर संयुक्त राष्ट्र ने शोक व्यक्त किया और भारत से खेद व्यक्त किया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि उन्हें "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और सुरक्षा विभाग (डीएसएस) के एक कर्मचारी की मौत तथा एक अन्य डीएसएस कर्मचारी के घायल होने की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ है." महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक के एक बयान में कहा गया कि गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर सभी हमलों की निंदा की और पूरी जांच की मांग की है.

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