देश की खबरें | विमानों में बम की धमकियों से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई की योजना बना रही सरकार: नायडू
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि विमानों में बम रखे होने की धमकी संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए सरकार विधायी कार्रवाई की योजना बना रही है, जिनमें ऐसी धमकी देने वालों के नाम ‘उड़ान-निषिद्ध’ सूची में डालना शामिल है।
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि विमानों में बम रखे होने की धमकी संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए सरकार विधायी कार्रवाई की योजना बना रही है, जिनमें ऐसी धमकी देने वालों के नाम ‘उड़ान-निषिद्ध’ सूची में डालना शामिल है।
ननायडू ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से समझौता किए बिना स्थिति से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पिछले करीब एक हफ्ते में भारतीय विमानन कंपनियों की करीब 100 उड़ानों में बम रखे होने की धमकियां मिली हैं।
नायडू ने बताया कि सरकार विमानन सुरक्षा नियमों और नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैर-कानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम-1982 (एसयूएएससीए) में संशोधन करने की योजना बना रही है, जिसके तहत अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सकता है और विमान के जमीन पर होने के दौरान अपराधों के संबंध में अदालत के आदेश के बिना जांच शुरू की जा सकती है।
मौजूदा समय में विमानन कानून मुख्य रूप से उड़ान के दौरान होने वाले अपराधों से निपटने से संबंधित हैं।
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में नायडू ने कहा कि विमानन सुरक्षा नियमों को मजबूत करने के लिए उनमें संशोधन किया जाएगा और एक बार उड़ान में बम की धमकी देने वाला अपराधी पकड़ा जाएगा, तो उसे उड़ान-निषिद्ध सूची में डाला जाएगा।
एसयूएएससीए कई अपराधों से निपटता है, जिनमें हवाईअड्डों और विमान में किए गए अपराध और उड़ानों के संचालन में व्यवधान पैदा करना शामिल है।
मंत्री ने कहा कि हालांकि, इस कानून में उड़ान के दौरान होने वाले अपराधों का जिक्र है, इसमें जमीन पर होने वाले अपराधों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हम संशोधन करने की कोशिश कर रहे हैं और विधि टीम ने इस पर काम किया है... हमें अन्य मंत्रालयों के साथ भी परामर्श करने की जरूरत है... हम निश्चित रूप से अधिनियम में बदलाव की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं, ताकि यह उड़ान के जमीन पर होने के दौरान घटित अपराधों को संबोधित कर सके और इसे संज्ञेय अपराध भी बनाए।"
एक सवाल के जवाब में नायडू ने कहा, "मैं इसे (संशोधन) जल्द से जल्द करना चाहता हूं... हमने संशोधनों को एक साथ रखा है। अन्य मंत्रालयों को भी अपनी राय देने दीजिए।"
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