दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे स्मार्ट शहरें बनाने की संभावनाएं देख रही है सरकार: गडकरी
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नयी दिल्ली, 29 अप्रैल सरकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के किनारे स्मार्ट शहरें बनाने की संभावनाओं पर गौर कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा लिया जाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको को संबोधित करते हुए कहा, "सरकार यह देख रही है कि क्या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राजमार्ग (दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे) के किनारे एक टाउनशिप की योजना बना सकता है। इस बारे में मंत्रिमंडल का एक नोट लाया गया है।’’

एक लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना तीन साल के भीतर पूरी होने वाली है। इस परियोजना से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा में लगने वाले समय के कम होकर महज 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है।

गडकरी ने कहा कि सरकार ने इस परियोजना पर अकेले भूमि अधिग्रहण के मोर्चे पर लगभग 16,000 करोड़ रुपये की बचत की है। इसे अब गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के पिछड़े तथा दूर-दराज के आदिवासी इलाकों से गुजारा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण गतिविधियों की योजना तेज गति से बनायी जा रही है और पहले की तुलना में कम से कम तीन गुना अधिक तेजी से काम हो रहा है। अगले दो साल में 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होने की संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि 3.85 लाख करोड़ रुपये की कुल 406 रुकी हुई सड़क परियोजनाओं में अधिकांश को रास्ते पर ला दिया गया है। इनमें से केवल 40,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को ही रद्द किया गया है।

गडकरी ने कहा कि लॉजिस्टिक्स पार्क, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विलेज, कोल्ड स्टोरेज, सड़क निर्माण में काफी अवसर हैं, जहां डेवलपरों को कारोबार शुरू करने के लिये कुछ नये विचारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।

उन्होंने सीमेंट उद्योग में गुटबंदी में लगे लोगों को भी आगाह करते हुए चेतावनी दी कि यदि उन्होंने ऐसा करना बंद नहीं किया तो कोलतार की सड़कें बनायी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम 40 प्रतिशत सीमेंट का उपयोग करते हैं।

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