जरुरी जानकारी | सरकार ने आंकड़ा प्रकाशन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए समिति बनायी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सरकार ने सोने के आयात के आंकड़ों में गलती के बाद सटीक आंकड़ा प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाने को लेकर बृहस्पतिवार को एक समिति का गठन किया। समिति में वाणिज्य और सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी शामिल हैं।

नयी दिल्ली, नौ जनवरी सरकार ने सोने के आयात के आंकड़ों में गलती के बाद सटीक आंकड़ा प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाने को लेकर बृहस्पतिवार को एक समिति का गठन किया। समिति में वाणिज्य और सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी शामिल हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) से आंकड़ा भेजने की व्यवस्था के भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (आईसीईजीएटीई) में स्थानांतरित होने के कारण, कीमती धातुओं के आंकड़ों में संशोधन की आवश्यकता है। इसका कारण इसमें गणना में दोहराव देखा गया है।

गणना में दोहराव का कारण यह है कि एसईजेड में आयात और उसके बाद डीटीए (घरेलू शुल्क क्षेत्र) से ‘क्लियरेंस’ दोनों की गणना अलग-अलग लेनदेन के रूप में की जा रही थी।

बयान में कहा गया, ‘‘सही आंकड़ा प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने को लेकर वाणिज्यिक जानकारी और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस), डीजी सिस्टम्स (सीबीआईसी) और सेज के प्रतिनिधियों को लेकर एक समिति का गठन किया गया है।

सरकार ने सोने के आयात के आंकड़ों को संशोधित किया है। इससे जिससे नवंबर के लिए आंकड़ा पांच अरब डॉलर कम होकर 9.84 अरब डॉलर हो गया है।

इसके साथ अप्रैल, 2024 से सोने के आयात आंकड़ों में भी कटौती की गई है जिससे 2024-25 के पहले आठ महीनों में लगभग 11.7 अरब डॉलर का अतिरिक्त आयात सामने आया है।

पिछले महीने जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में देश का स्वर्ण आयात 14.86 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया, जो चार गुना वृद्धि दर्शाता है।

आयात में तेज उछाल ने व्यापार घाटे को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया था। देश का व्यापार घाटा नवंबर में रिकॉर्ड 37.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।

सोने के आयात में असामान्य उछाल दर्शाने वाले आंकड़े सामने आने के बाद वाणिज्य मंत्रालय यह जांच कर रहा था कि इन आंकड़ों के संकलन या गणना में कोई गलती तो नहीं हुई थी।

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