जरुरी जानकारी | सरकार ने समावेशी निर्णय के लिए एफटीपी में संशोधन किया, संबंधित पक्षों से परामर्श अनिवार्य

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने मसौदा नीतियों पर संबंधित पक्षों के साथ उनके विचार जानने के लिए परामर्श अनिवार्य बनाने के लिए विदेश व्यापार नीति में संशोधन किया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

नयी दिल्ली, तीन जनवरी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने मसौदा नीतियों पर संबंधित पक्षों के साथ उनके विचार जानने के लिए परामर्श अनिवार्य बनाने के लिए विदेश व्यापार नीति में संशोधन किया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इन बदलावों में विदेश व्यापार नीति के निर्माण या संशोधन के संबंध में विचारों, सुझावों, टिप्पणियों या फीडबैक को स्वीकार नहीं करने के कारणों को बताने की व्यवस्था भी की गई है।

इसमें कहा गया, ''डीजीएफटी ने बृहस्पतिवार को विदेश व्यापार नीति, 2023 में संशोधन को अधिसूचित किया। इसमें एफटीपी को तैयार करने या संशोधन के संबंध में आयातकों, निर्यातकों और उद्योग विशेषज्ञों सहित संबंधित पक्षों से विचार, सुझाव, टिप्पणियां या फीडबैक पाने के लिए संबंधित पक्षों के साथ परामर्श को अनिवार्य करने के लिए एक पैरा जोड़ा गया है।''

बयान में कहा गया कि संशोधनों का मुख्य उद्देश्य विदेश व्यापार को प्रभावित करने वाली नीति और प्रक्रियाओं को शुरू करने या बदलने से पहले निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी संबंधित पक्षों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

बयान में कहा गया, ''हालांकि, सरकार को इस तथ्य से अवगत रहना होगा कि कई पक्ष एक ही विषय पर अलग-अलग राय दे सकते हैं और ऐसे मामलों में व्यापार के सुचारू संचालन के लिए सरकार को अंतिम निर्णय लेने का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखना चाहिए।''

सरकार ने कहा कि केवल ऐसी असाधारण परिस्थितियों से निपटने के लिए ही नीतियां बनाने का अधिकार सरकार के पास सुरक्षित रखा गया है।

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