नयी दिल्ली, 15 अगस्त घरेलू शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह वैश्विक रुख, थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेशकों का पूंजी प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह बात कही।
अवकाश के कारण इस सप्ताह कारोबारी दिवस कम होंगे।
निवेशकों की नजर मंगलवार को जारी होने वाले थोक कीमत सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आंकड़े पर होगी। जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 प्रतिशत और जून में औद्योगिक उत्पादन 12.3 प्रतिशत बढ़ा।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘कंपनियों के वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम लगभग आ चुके हैं। ऐसे में बाजार की नजर अब मुद्रास्फीति, केंद्रीय बैंक के नीतिगत दर को लेकर कदम, कच्चे तेल की कीमतें और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी को लेकर चिंताओं पर होगी।’’
शेयर बाजार के लिये अच्छी बात यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक अब लिवाली कर रहे हैं। अगस्त के पहले दो सप्ताह में उन्होंने 22,450 करोड़ रुपये निवेश किये हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस हफ्ते बाजार की नजर मुद्रास्फीति रुख और केंद्रीय बैंक के नीतिगत निर्णय के असर जैसे कारकों पर होगा।
सैमको सिक्योरिटीज के अपूर्व सेठ ने कहा कि दुनिया भर के बाजारों की नजर इस सप्ताह प्रकाशित होने वाले एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के ब्योरे पर होगी। ब्योरे में क्या है, उस पर भी बाजार की चाल निर्भर करेगी।
शेयर बाजार सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद है।
बाजार के लिये जाने-माने निवेशक 62 वर्षीय राकेश झुनझुनवाला का रविवार को निधन एक सदमे के रूप में आया है। विश्लेषकों का कहना है कि वह देश की अर्थव्यवस्था और बाजारों के लिये उत्साह का संचार करने वालों में शामिल थे।
पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 1,047 अंक यानी 1.83 प्रतिशत मजबूत हुआ था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 300 अंक यानी 1.95 प्रतिशत चढ़ा था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि कुल मिलाकर भारतीय बाजार जब मंगलवार को खुलेगा, अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार और सोमवार के रुझानों का असर होगा।
उन्होंने कहा कि निवेशक भारत की विकास गाथा में झुनझुनवाला के अटूट विश्वास और आत्मविश्वास को भी याद करेंगे।
जसानी के अनुसार, ‘‘सोमवार की छुट्टी से इस अचानक दुखद घटना का प्रभाव कुछ कम हो सकता है।’’
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