नयी दिल्ली, 28 अगस्त भारत ने गुजरात के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य ‘गरबा’ को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने के लिए नामित किया है।
एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि अगले साल के चक्र के लिए नवीनतम नामांकन पर विचार किया जाएगा।
यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत श्रेणी के सचिव टिम कर्टिस ने पिछले दिसंबर में कोलकाता के ‘दुर्गा पूजा उत्सव’ को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित करने के उपलक्ष्य में दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में गरबा को नामित किए जाने से जुड़ा विवरण साझा किया था।
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को के 2003 के सम्मेलन की अंतर सरकारी समिति ने पिछले साल दिसंबर में कोलकाता में दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था।
कर्टिस ने कहा, ‘‘अगले साल के चक्र के लिए नवीनतम नामांकन पर विचार किया जाएगा। नामांकन फाइलों की जांच 2023 के मध्य में मूल्यांकन संस्था द्वारा की जाएगी और अगले साल के अंत तक समिति के 2023 सत्र के लिए नामों पर फैसला किया जाएगा।’’
कर्टिस के प्रेजेंटेशन की एक स्लाइड में गरबा कलाकारों की तस्वीर थी और इसका शीर्षक था-‘गुजरात का गरबा : इंडियाज नेक्स्ट एलिमेंट।’ इसमें उल्लेख किया गया था कि ‘‘फाइल वर्तमान में सचिवालय की तकनीकी प्रक्रिया से गुजर रही है।’’
कर्टिस ने अपने संबोधन के दौरान भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रशंसा करते हुए कहा था कि ‘‘इसकी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में व्यापकता और विविधता है।’’
वर्तमान में भारत के 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) तत्व इस सूची में अंकित हैं, जिनमें रामलीला, वैदिक मंत्र, कुंभ मेला और दुर्गा पूजा शामिल है।
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