देश की खबरें | सामूहिक दुष्कर्म : अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव पूछताछ के लिए एसआईटी के समक्ष पेश हुए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण उनपर लगे सामूहिक दुष्कर्म के आरोप के सिलसिले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) के सामने पेश हुए।

पोर्ट ब्लेयर/कोलकाता, 28 अक्टूबर अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण उनपर लगे सामूहिक दुष्कर्म के आरोप के सिलसिले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) के सामने पेश हुए।

नारायण को प्रदर्शनकारियों से बचाने के लिए पोर्ट ब्लेयर स्थित पुलिस लाइन के पिछले दरवाजे से पूछताछ के लिए ले जाया गया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने महिला के खिलाफ जघन्य अपराध किया है। हम चाहते हैं कि महिला को न्याय मिले।’’ प्रदर्शनकारियों ने तख्ती भी ले रखी थी जिसपर नारायण के लिए ‘बलात्कारी’ लिखा हुआ था।

वरिष्ठ अधिकारी नारायण कलकत्ता उच्च न्यायालय के बृहस्पतिवार को दिए गए आदेश पर पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। उन्हें हवाई अड्डे से भारी सुरक्षा के बीच पुलिस लाइन ले जाया गया।

हवाई अड्डे पर इंतजार कर रहे पत्रकारों के सवालों का नारायण ने कोई जवाब नहीं दिया।

उल्लेखनीय है कि एक अक्टबूर को पोर्ट ब्लेयर के अबरदीन पुलिस थाने में 21 वर्षीय एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 14 अप्रैल से एक मई के बीच नारायण और अन्य लोगों ने उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया। एसआईटी इन आरोपों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।

महिला का आरोप है कि उसे तत्कालीन मुख्य सचिव के घर सरकारी नौकरी देने का प्रलोभन देकर बुलाया गया और शीर्ष अधिकारियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत बिश्वास की अवकाशकालीन पीठ ने नारायण को उस तिथि तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी दे दी है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर स्थित सर्किट पीठ द्वारा 14 नवंबर को दुर्गा पूजा की छुट्टियों की समाप्ति के बाद शुरू होने वाले नियमित कामकाज के दौरान तय किया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने रेखांकित किया कि 21 जुलाई को दिल्ली स्थानांतरित किए गए नारायण ने भी घोषणा की है कि वह जांच में सहयोग देने के इच्छुक हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में तत्काल जांच करने की जरूरत है।

पीठ ने एसआईटी को इस मामले में पूछताछ करने और पूछताछ के दौरान आरोपी की चिकित्सा जांच सहित अन्य कदमों को उठाने की अनुमति दे दी।

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने नारायण के घर पर 18 अक्टूबर को छापेमारी की कार्रवाई की थी जिसके बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने का अनुरोध किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने उन्हें 28 अक्टूबर तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी।

इसके बाद उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस राहत की मियाद बढ़ाने का अनुरोध किया। नारायण ने तर्क दिया कि पोर्ट ब्लेयर की अगली सर्किट पीठ 14 नवंबर से काम शुरू करेगी अत: तबतक उन्हें राहत दी जाए ताकि उन्हें अंडमान-निकोबार की अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत की याचिका दायर करने का मौका मिल सके।

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