देश की खबरें | गगनयान मिशन: इसरो, नौसेना ने कर्मीदल मॉड्यूल की पुन: प्राप्ति संबंधी शुरुआती परीक्षण किए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर गगनयान मिशन की तैयारियों के तहत ‘वाटर सर्वाइवल टेस्ट फेसिलिटी’ (डब्ल्यूएसटीएफ) में ‘कर्मीदल मॉड्यूल’ की पुनर्प्राप्ति संबंधी शुरुआती परीक्षण किए।

बेंगलुरु, नौ फरवरी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर गगनयान मिशन की तैयारियों के तहत ‘वाटर सर्वाइवल टेस्ट फेसिलिटी’ (डब्ल्यूएसटीएफ) में ‘कर्मीदल मॉड्यूल’ की पुनर्प्राप्ति संबंधी शुरुआती परीक्षण किए।

अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि केरल के कोच्चि में नौसेना के डब्ल्यूएसटीएफ में परीक्षणों के लिए द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण के केंद्र, बाहरी आयामों और नीचे उतरने पर वास्तविक कर्मीदल मॉड्यूल के बाहरी हिस्से के आधार पर काम करने वाले ‘कर्मीदल मॉड्यूल रिकवरी मॉडल’ (सीमएमआरएम) का उपयोग किया गया।

ये परीक्षण गगनयान मिशन के लिए ‘कर्मीदल मॉड्यूल’ पुनर्प्राप्ति अभियानों की तैयारी का हिस्सा हैं। गगनयान मिशन भारत सरकार की एजेंसियों की भागीदारी के साथ भारतीय जल में संचालित किया जाएगा। समग्र पुनर्प्राप्ति अभियान का नेतृत्व भारतीय नौसेना कर रही है।

परीक्षण के तहत ‘कर्मीदल मॉड्यूल’ की पुनर्प्राप्ति के लिए आवश्यक संचालन क्रम पूरा किया गया।

इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना के तहत तीन सदस्यों के चालक दल को तीन दिन के मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर और उन्हें भारतीय समुद्री जल में सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है।

इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘चालक दल के सदस्यों का सुरक्षित मिलना किसी भी सफल मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए अंतिम कदम होता है। ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है और इसे समय के कम से कम अंतराल के साथ करना होगा।’’

उसने कहा, ‘‘इसलिए बड़ी संख्या में परीक्षण करके विभिन्न परिदृश्यों में पुनर्प्राप्ति प्रक्रियाओं का व्यापक रूप से अभ्यास करने की आवश्यकता है। चालक दल के सदस्यों और कर्मीदल मॉड्यूल की पुनर्प्राप्ति के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को अंतिम रूप देने की जरूरत है। पुनर्प्राप्ति परीक्षण शुरू में एक बंद जलाशय में किए जाएंगे। उसके बाद वे एक बंदरगाह और फिर एक खुले समुद्र में होंगे।’’

इस बीच, इसरो ने कहा कि भविष्य के प्रक्षेपण यान में ‘बूस्टर स्टेज रिकवरी’ को सक्षम करने के लिए, विकास इंजन का पहला ‘थ्रॉटलिंग हॉट टेस्ट’ किया गया। इस दौरान 43 सेकंड की अवधि के लिए लक्षित 67 प्रतिशत थ्रस्ट लेवल थ्रॉटलिंग का लक्ष्य रखा गया।

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