खेल की खबरें | गाबा की पिच में पारंपरिक गति और उछाल होगा: क्यूरेटर

ब्रिसबेन, 11 दिसंबर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच की पिच में पारंपरिक गति और उछाल रहने की उम्मीद है क्योंकि यह मैच क्रिसमस के बाद नहीं बल्कि गर्मियों की शुरुआत में खेला जाएगा।

भारत ने अपने पिछले दौरे पर गाबा में शानदार जीत दर्ज की थी जब यहां टेस्ट मैच श्रृंखला के दूसरे हाफ में खेला गया था। ऋषभ पंत की शानदार पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी श्रृंखला जीती। यह 1988 के बाद से मेजबान टीम की इस मैदान पर यह पहली हार थी।

तब से ऑस्ट्रेलिया अपने ‘गढ़’ में वेस्टइंडीज से भी हार गया है और कोई आश्चर्य नहीं कि मेजबान टीम के खिलाड़ी गर्मियों की शुरुआत में गाबा में खेलना पसंद करते हैं, ना कि गर्मियों के अंत में।

‘क्रिकेट.कॉम.एयू’ ने शनिवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले गाबा के क्यूरेटर डेविड सैंडर्सकी के हवाले से कहा, ‘‘साल के अलग-अलग समय निश्चित रूप से इसे अलग बनाते हैं, यह थोड़ी अलग पिच हो सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सत्र के आखिर में पिचों में थोड़ी अधिक टूट-फूट हो सकती है सत्र की शुरुआत में पिचें आमतौर पर थोड़ी नई होती हैं और उनमें थोड़ी अधिक गति और उछाल होती है।’’

सैंडर्सकी ने कहा, ‘‘आम तौर पर हम अब भी पिच को हर बार ठीक उसी तरह से तैयार करते हैं ताकि हम वह अच्छी गति और उछाल प्राप्त कर सकें जिसके लिए गाबा को जाना जाता है। हम बस हर साल की तरह गाबा का पारंपरिक विकेट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

एडीलेड में गुलाबी गेंद से खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की आसान जीत के बाद पांच मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर है।

पिछले महीने घरेलू गुलाबी गेंद के मैच के पहले दिन गाबा में 15 विकेट गिरे थे और क्यूरेटर ने कहा कि सतह वैसी ही होगी।

सैंडर्सकी ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य उसी तरह का विकेट बनाना है जहां बल्ले और गेंद के बीच अच्छा संतुलन था। उम्मीद है कि इसमें सभी के लिए कुछ ना कुछ होगा।’’

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को भारतीय खिलाड़ियों के एडीलेड से ब्रिसबेन पहुंचने का वीडियो पोस्ट किया।

भारत ने पर्थ में पहला टेस्ट 295 रन से जीता था लेकिन एडीलेड में गुलाबी गेंद के मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा।

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