अति अमीरों पर असरदार टैक्स लगाने की तैयारी करता जी20

मध्य वर्ग के लिए दुनिया भर में कई तरह टैक्स हैं और अमीरों के लिए ऐसे टैक्सों से बचने के कई रास्ते.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

मध्य वर्ग के लिए दुनिया भर में कई तरह टैक्स हैं और अमीरों के लिए ऐसे टैक्सों से बचने के कई रास्ते. क्या जी20 अति अमीरों से टैक्स वसूलने का असरदार सिस्टम बना सकेगा?ब्राजील के रियो डे जेनेरो में जी20 के वित्त मंत्रियों की बैठक के बाद, 26 जुलाई को साझा बयान जारी किया गया. इसके मुताबिक, "टैक्स संप्रभुता के पूरे सम्मान के साथ, हम आपसी सहयोग करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि बहुत ही ज्यादा अमीर व्यक्तियों पर असरदार तरीके से टैक्स लगाया जाए.

बयान में आगे कहा गया है, "संपत्ति व आय की असमानता, आर्थिक विकास और सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर रहे हैं और सामाजिक कमजोरियों को बढ़ा रहे हैं."

जी20 देशों का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब दुनिया भर की सरकारें, समाज में बढ़ती असमानता से जूझ रही है. बीते करीबन डेढ़ दशक से दुनिया भर में अमीरों की संपत्ति बहुत तेजी से बढ़ी है. कोरोना महामारी के बाद तो इसमें अभूतपूर्व तेजी देखी गई है. इसी साल जनवरी में आई ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के बाद से दुनिया के शीर्ष पांच अमीरों की संपत्ति दोगुनी हो चुकी है.

रियो डी जेनेरो में नवंबर में जी20 का शिखर सम्मेलन होना है. इस सम्मेलन से पहले हुई वित्त मंत्रियों की बैठक में दो दिन तक अरबपतियों के टैक्स बचाने के हथकंडों पर ही चर्चा केंद्रित रही.

अरबपतियों पर असरदार टैक्स लगाने की कोशिश का स्वागत

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जिवा ने "टैक्स फेयरनेस" के मुद्दे पर जी20 के रुख का स्वागत किया है. अति अमीरों से टैक्स वसूलने में सहयोग को जॉर्जिवा ने "समय के मुताबिक और स्वागतयोग्य" कदम करार दिया.

ब्राजील सरकार के लिए काम कर रहे फ्रांसीसी अर्थशास्त्री ग्राबिएल जाकमन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति फिलहाल अपनी संपत्ति पर करीबन 0.3 परसेंट टैक्स चुका रहे हैं. ऐसे में 2 परसेंट टैक्स लगाने से करीबन 200 से 300 अरब डॉलर मिल सकेंगे. दुनिया भर में ऐसे अरबपतियों की संख्या लगभग 3,000 है. सार्वजनिक शिक्षा व स्वास्थ्य को बेहतर करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में इस रकम को इस्तेमाल किया जा सकता है.

अमेरिका और जर्मनी को नैतिकता की नसीहत

अति अमीरों से असरदार टैक्स वसूलने की कोशिश के पीछे असल चेहरा ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इसानियो लूला दा सिल्वा हैं. दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह, जी20 की अध्यक्षता इस साल ब्राजील के पास है. लूला दा सिल्वा इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं.

ब्राजीली राष्ट्रपति को उम्मीद है कि अति अमीरों पर न्यूनतम दो फीसदी टैक्स तो लगना ही चाहिए. लेकिन अंत में सामने आए वित्तीय घोषणा पत्र में इसका स्पष्ट जिक्र नहीं था. देशों के बीच टैक्स की दर को लेकर मतभेद दिखाई पड़े.

अमीर जर्मनी में बढ़ते जा रहे हैं बेघर लोग

अमेरिका और जर्मनी अरबपतियों पर टैक्स लगाने के वैश्विक समझौते का विरोध कर रहे हैं. फ्रांस, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, कोलंबिया और अफ्रीकी संघ ने इस पहल का समर्थन किया है. ब्राजील के वित्त मंत्री के मुताबिक, अंतिम घोषणा पत्र या मसौदे में भले ही टैक्स की दर को लेकर सहमति न बनी हो, लेकिन अति अमीरों पर टैक्स लगाने की वैश्विक पहल पर रजामंदी होना भी एक कामयाबी है.

दो दिवसीय बैठक के बाद दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील के वित्त मंत्री फेर्नांडो हदाज ने कहा, "नैतिक नजरिए से भी यह जरूरी है कि 20 अमीर देश यह समझें कि हमारे सामने एक समस्या है, यह है गरीबों पर सुधारवादी टैक्स और अमीरों पर नहीं."

ओएसजे/एसबी (एएफपी, डीपीए)

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