एफएमसीजी कंपनियों को तीसरी तिमाही से मार्जिन में सुधार, ग्रामीण बिक्री में वापसी की उम्मीद

दैनिक उपभोग के उत्पाद बनाने वाले एफएमसीजी क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से अपने मार्जिन में सुधार के साथ ग्रामीण बाजार से वापसी की भी उम्मीद है.

(Photo Creddit : Pixabay)

नयी दिल्ली, 6 नवंबर : दैनिक उपभोग के उत्पाद बनाने वाले एफएमसीजी क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से अपने मार्जिन में सुधार के साथ ग्रामीण बाजार से वापसी की भी उम्मीद है. हालांकि एफएमसीजी उद्योग को उच्च मुद्रास्फीति के कारण 2022-23 की दूसरी यानी सितंबर तिमाही में बिक्री में कमी सामना करना पड़ा. एफएमसीजी क्षेत्र को अब त्योहारी सीजन की शुरुआत और ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे मानसून तथा फसल कटाई के साथ सुधार की उम्मीद है.

चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में एफएमसीसजी कंपनियों ने अपनी बिक्री में मूल्य आधारित वृद्धि दर्ज की है. कुछ श्रेणियों में ब्रिटानिया, डाबर और नेस्ले जैसी एफएमसीजी कंपनियों ने भी बिक्री में वृद्धि दर्ज की है. घरेलू कंपनी मैरिको ने बीती तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे में कहा, "खुदरा मुद्रास्फीति स्थिर रहने के कारण एफएमसीजी क्षेत्र में लगातार चौथी तिमाही में बिक्री में गिरावट देखी गई. मांग की भावना काफी हद तक पिछली तिमाही की तरह ही थी और तिमाही के आखिरी महीने में ही इसमें थोड़ा सुधार हुआ." यह भी पढ़ें : Ind vs Zim ICC T20 WC 2022: भारत ने जिम्बाब्वे को दिया 187 रनों का लक्ष्य, सूर्यकुमार और राहुल ने जड़ा तूफानी अर्धशतक

पैराशूट, सफोला और हेयर एंड केयर जैसे ब्रांडों के तहत उत्पाद बेचने वाली कंपनी ने कहा कि सकल मार्जिन में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान तिमाही आधार पर सुधार होना चाहिए. वहीं, दूसरी तिमाही में अपना उच्चतम तिमाही राजस्व दर्ज करने वाली ब्रिटानिया ने भी लागत और लाभप्रदता के मोर्चे पर कहा कि आटा और दूध उत्पादों में बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण जिंसों की कीमतों में वृद्धि देखी गई.

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