देश की खबरें | किसान आंदोलन: न्यायालय ने केंद्र, राज्यों को सड़क खुलवाने के लिए हल निकालने का निर्देश दिया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के कारण सड़क अवरूद्ध होने का समाधान केंद्र और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को तलाशना चाहिए।
नयी दिल्ली, 23 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के कारण सड़क अवरूद्ध होने का समाधान केंद्र और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को तलाशना चाहिए।
सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ऋषिकेश मुखर्जी की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, '' मिस्टर मेहता ये क्या हो रहा है। आप समाधान क्यों नहीं खोज सकते? आपको इस समस्या का समाधान तलाशना होगा। उन्हें विरोध करने का अधिकार है लेकिन निर्धारित स्थानों पर। विरोध के कारण यातायात की आवाजाही बाधित नहीं की जा सकती।''
पीठ ने कहा कि इससे टोल वसूली पर भी असर पड़ेगा क्योंकि अवरोध के कारण वाहन वहां से नहीं गुजर पाएंगे।
मेहता ने पीठ को सूचित किया कि सड़क खुलवाने की मांग करने वाली नोएडा निवासी याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल कनेक्टिविटी में समस्या के कारण उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि वह किसी ग्रामीण इलाके में हैं।
पीठ ने आदेश दिया, '' समाधान करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों की है। उन्हें एक समाधान खोजने के लिए समन्वय करना होगा ताकि किसी भी विरोध-प्रदर्शन के कारण सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जाए और यातायात बाधित नहीं हो, जिसके चलते आम लोगों को असुविधा नहीं हो।''
मेहता ने कहा कि अगर अदालत कोई आदेश पारित करने की इच्छुक है तो दो किसान संघों को पक्षकार बनाया जा सकता है और वह उनके नाम दे सकते हैं। इस पर, पीठ ने कहा कि कल दो और संगठन आगे आएंगे और कहेंगे कि वे किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह जारी रहेगा।
शीर्ष अदालत ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मेहता से कहा, '' कृपया कुछ समाधान तलाशें''। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर तय की गई।
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