देश की खबरें | ज्ञानवापी में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा झूठा प्रचार: सपा सांसद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. समाजवादी पार्टी के स्थानीय सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक ‘शिवलिंग’ की बरामदगी के दावों को झूठा प्रचार करार देते हुए सभी बुद्धिजीवियों और विपक्षी दलों से इसकी प्रभावी जांच के लिए आगे आने को कहा।

संभल (उप्र), 19 मई समाजवादी पार्टी के स्थानीय सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक ‘शिवलिंग’ की बरामदगी के दावों को झूठा प्रचार करार देते हुए सभी बुद्धिजीवियों और विपक्षी दलों से इसकी प्रभावी जांच के लिए आगे आने को कहा।

यहां बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए सांसद बर्क ने कहा कि बाबरी मस्जिद हमसे छीन ली गई और इसकी जगह राम मंदिर बना दिया गया। उन्होंने कहा कि यह नाइंसाफी कम नहीं थी, लेकिन अब ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सामने है।

सांसद ने सवाल किया कि मुसलमान कोई अपनी मस्जिद बनाएगा, तो गैर इस्लामिक काम क्यों करेगा? उन्होंने कहा, ‘‘इस्लाम मूर्ति पूजा के खिलाफ है, यहां तक हुक्म है की हम मस्जिद को जबरदस्ती किसी की जमीन पर कब्जा करके नहीं बना सकते। ज्ञानवापी मस्जिद की हौज मैं ‘शिवलिंग’ होने का झूठा प्रचार किया जा रहा है।’’

सांसद ने कहा कि इस नफरत की आग को नहीं बुझाया गया, तो मुल्क झुलस जाएगा। उन्होंने सभी लोगों से, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम या विभिन्न विपक्षी दलों से संबंधित हों, इस गलत और नापाक प्रचार को रोकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है, क्योंकि मुसलमानों की हर मस्जिद और पवित्र स्थान को संदेह की नजर से देखा जा रहा है।

बर्क ने लोगों से कहा कि मुसलमानों पर जो जुल्म हो रहा है, उसे रोकने में मदद करें और उनके साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने ऐसा नहीं किया, तो मुसलमान ही नहीं बल्कि देश भी बरबाद हो जाएगा, इसलिए मुल्क को बचाने के लिए आगे आएं।

मौजूदा सरकार को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों का संगठन करार देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग (आरएसएस-भाजपा) में विश्वास करते हैं, वे इस तरह के काम से जानबूझकर देश को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

सपा सांसद ने नये मदरसों को अनुदान नहीं देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाया। अगर कहीं कुछ गलत हो रहा है, तो सरकार को इसकी जांच कराकर सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि मदरसों को खोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों को चोट पहुंचाने की साजिश का नतीजा है, यह एक दुष्प्रचार है ताकि मुसलमानों को शिक्षा न मिल सके।

सं जफर

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