Fact Check: इतिहासकारों ने कहा, दिल्ली की जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं

राष्ट्रीय राजधानी में लगे होर्डिंग और दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट के दावों के विपरीत कई इतिहासकारों का कहना है कि राजधानी स्थित भव्य जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है. इतिहासकारों ने कहा कि भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद है.

दिल्ली की जामा मस्जिद के (Photo Credits ANI)

नयी दिल्ली, 7 अगस्त : राष्ट्रीय राजधानी में लगे होर्डिंग और दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट के दावों के विपरीत कई इतिहासकारों का कहना है कि राजधानी स्थित भव्य जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है. इतिहासकारों ने कहा कि भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद है. दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद को मुगल सम्राट शाहजहां ने 1656 में बनवाया था. ताज-उल-मस्जिद का निर्माण 1868-1901 के बीच भोपाल की तीसरी महिला शासक शाहजहां बेगम द्वारा कराया गया था. ताज-उल-मस्जिद का मतलब ‘मस्जिदों का ताज’ होता है .

संगमरमर के गुंबद वाली जामा मस्जिद को होर्डिंग पर भारत की ‘‘सबसे बड़ी मस्जिद’’ के रूप में वर्णित किया गया है, जो शहर भर में नजर आ रही ‘क्या आप जानते हैं’ श्रृंखला का हिस्सा है. बड़े-बड़े होर्डिंग के अलावा, जामा मस्जिद के देश की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी मिलता है. वेबसाइट पर मस्जिद को लेकर लिखा गया है, ‘‘पुरानी दिल्ली की यह भव्य मस्जिद भारत में सबसे बड़ी है....’’ यह भी पढ़ें : कैबिनेट विस्तार पर अजित पवार की टिप्पणी का देवेंद्र फडणवीस ने दिया ऐसा जवाब- आप भी देखिए

दिल्ली के इतिहासकार सोहेल हाशमी ने हाल ही में इस दावे में सुधार के लिए फेसबुक का सहारा लिया. उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा, ‘‘प्रिय दिल्ली सरकार, जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है. भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद इससे 33 प्रतिशत बड़ी है.’’ हाशमी ने पीटीआई- से कहा, ‘‘वास्तुकला से समृद्ध जामा मस्जिद अपने आकार के कारण नहीं बल्कि मुगल वास्तुकला की इसकी शैली के चलते अहम है, जिसने बहुत से लोगों को जामा मस्जिद के मूल डिजाइन का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया है. ताज-उल-मस्जिद के अलावा औरंगजेब द्वारा बनवाई गई बादशाही मस्जिद (लाहौर में) का डिजाइन भी इस पर आधारित है.’’

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