जरुरी जानकारी | परामर्श प्रक्रिया में सभी के विचारों पर गौर किया जाएगा : सैटकॉम स्पेक्ट्रम पर ट्राई प्रमुख
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सैटकॉम स्पेक्ट्रम आवंटन के तौर-तरीकों को लेकर खींचतान के बीच ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने बुधवार को कहा कि परामर्श प्रक्रिया अभी जारी है और दूरसंचार नियामक सिफारिशें प्रस्तुत करने से पहले सभी सुझावों पर गौर करेगा।
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर सैटकॉम स्पेक्ट्रम आवंटन के तौर-तरीकों को लेकर खींचतान के बीच ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने बुधवार को कहा कि परामर्श प्रक्रिया अभी जारी है और दूरसंचार नियामक सिफारिशें प्रस्तुत करने से पहले सभी सुझावों पर गौर करेगा।
नियामक की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब स्टारलिंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क और भारतीय दिग्गजों के बीच सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर गतिरोध जारी है।
ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के अवसर पर पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमें दूरसंचार विभाग से संदर्भ मिला है। हमने दूरसंचार विभाग से प्राप्त संदर्भ के प्रत्युत्तर में परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसमें उन मुद्दों को शामिल किया गया है जिन्हें दूरसंचार विभाग द्वारा ट्राई को भेजा गया है... परामर्श प्रक्रिया जारी है हम परामर्श प्रक्रिया के दौरान प्राप्त सभी विचारों पर गौर करेंगे और अपनी सुविचारित सिफारिशें प्रस्तुत करेंगे।’’
रिलायंस जियो की स्थलीय तथा उपग्रह कंपनियों के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ट्राई परामर्श पत्र को संशोधित करने की मांग पर ट्राई के चेयरमैन ने कहा, ‘‘ विभिन्न हितधारक परामर्श प्रक्रिया पर अलग-अलग मांग उठाते हैं। हम इन सभी दृष्टिकोणों तथा विचारों पर गौर करते हैं और एक सुविचारित दृष्टिकोण अपनाते हैं।’’
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने उपग्रह-आधारित संचार में इस्तेमाल होने वाले स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिये किए जाने की भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल की मांग को 'अभूतपूर्व' बताते हुए निशाना साधा है।
अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो पुराने दूरसंचार परिचालकों को समान अवसर देने के लिए नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम आवंटित करने की जरूरत पर बल दे चुकी है। भारती एयरटेल के प्रमुख मित्तल ने भी मंगलवार को ऐसे आवंटन के लिए बोली लगाने की वकालत की।
हालांकि मस्क की अगुवाई वाली स्टारलिंक वैश्विक रुख के अनुरूप उपग्रह-आधारित संचार के लिए लाइसेंसों का प्रशासनिक आवंटन किए जाने की मांग कर रही है। स्टारलिंक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट बाजार भारत में कदम रखने की योजना बना रही है।
दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस रुख से सहमति जताते हुए कहा कि दूरसंचार तरंगों को नीलामी के बजाय प्रशासनिक आवंटन के जरिये दिया जाएगा।
सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 ने इस मामले को ‘अनुसूची एक’ में रखा है, जिसका मतलब है कि उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक रूप से आवंटित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि स्पेक्ट्रम बिना लागत के आता है। वह लागत क्या होगी और उस लागत का फॉर्मूला क्या होगा, यह ट्राई तय करेगा। ट्राई पहले ही इस पर एक अध्ययन पत्र ला चुका है। दूरसंचार नियामक को संविधान ने यह तय करने का अधिकार दिया है कि प्रशासनिक मूल्य क्या होने वाला है।"
मंत्री ने भरोसा जताया कि ट्राई सबसे अच्छी कीमत तय करेगा जिसे अपनाया जाना चाहिए, बशर्ते कि यह प्रशासनिक तरीके से दिया जा रहा हो।
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