देश की खबरें | झारखंड में अकेले चुनाव लड़े, तो भी ‘इंडिया’ गठबंधन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे : राजद
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए झामुमो और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते पर निराशा व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को कहा कि 12 से कम सीट उसे स्वीकार्य नहीं होंगी और अगर अकेले चुनावी मैदान में उतरना पड़ा, तो उस स्थिति में भी वह ‘इंडिया’ गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
रांची, 20 अक्टूबर झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए झामुमो और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते पर निराशा व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को कहा कि 12 से कम सीट उसे स्वीकार्य नहीं होंगी और अगर अकेले चुनावी मैदान में उतरना पड़ा, तो उस स्थिति में भी वह ‘इंडिया’ गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) बनाया है, जिसमें कांग्रेस, राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी घटक हैं।
झामुमो और कांग्रेस ने शनिवार को घोषणा की कि दोनों दल राज्य की 81 विधानसभा सीट में से 70 पर चुनाव लड़ेंगे और बाकी सीट पर घटक के अन्य सहयोगी लड़ेंगे।
राजद प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा, ‘‘12-13 सीट से कम हमें स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि राजद की 18-20 सीट पर मजबूत पकड़ है। अगर हमें तीन-चार सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा जाता है, तो हम कोई त्याग करने के लिए तैयार नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, “हमारा एकमात्र उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना है, हम ‘इंडिया’ गठबंधन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।”
राज्यसभा सदस्य झा ने कहा कि यदि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय भी लेती है, तो भी वह 60-62 सीट पर ‘इंडिया’ के उम्मीदवारों को अपना समर्थन देगी।
राजद ने 2019 के विधानसभा चुनाव में सात सीट पर चुनाव लड़ा था और एक सीट पर जीत हासिल की थी। पार्टी के विधायक सत्यानंद भोक्ता हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में मंत्री हैं।
झा ने कहा कि घटनाक्रम से उन्हें ‘पीड़ा’ हुई है क्योंकि 2019 के चुनाव के दौरान सात सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताने के लिए किए गए त्याग के बावजूद उनकी पार्टी से विचार-विमर्श नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष (लालू प्रसाद) के कहने पर अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न वितरित करने के बावजूद कई सीट से अपने उम्मीदवार वापस ले लिए थे... हमने केवल सात सीट पर चुनाव लड़ा और उनमें से पांच पर मामूली अंतर से दूसरे स्थान पर रहे... हमारे एकमात्र मंत्री सत्यानंद भोक्ता के खिलाफ यहां भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।’’
झा ने दावा किया कि राजद ने ‘ इंडिया’ के गठन में अहम भूमिका निभाई थी और हेमंत सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाने में भी सूत्रधार की भूमिका में रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा के स्वाभाविक विरोधी हैं। हमने झुकने के बजाय अपने नेताओं के लिए जेल जाना स्वीकार किया... झारखंड और बिहार के बीच विशेष संबंध हैं और हमें सम्मानजनक हिस्सेदारी की उम्मीद थी। हमने मुख्यमंत्री के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत की, लेकिन इसके बावजूद सीट बंटवारे में एकतरफा फैसला लिया गया, जो न तो हमारे कार्यकर्ताओं और न ही नेताओं को स्वीकार्य है।’’
झा ने दोहराया कि उनकी भावनाओं को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि राजद कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला सोमवार को सार्वजनिक किया जाएगा क्योंकि ‘पार्टी अपनी नाव डूबने नहीं देगी’।
झा ने कहा कि बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित राजद के वरिष्ठ नेता रांची में थे और उन्होंने इस मुद्दे पर बैठक की।
झारखंड में दो चरण में 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
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