फ्रिज और एसी की खतरनाक गैस को बैन करेगा ईयू
फ्रिज और एयरकंडीशनर में भरी जाने वाली खतरनाक हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स गैसों (HFC) पर यूरोप में पूरी तरह पाबंदी लगाई जाएगी.
फ्रिज और एयरकंडीशनर में भरी जाने वाली खतरनाक हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स गैसों (HFC) पर यूरोप में पूरी तरह पाबंदी लगाई जाएगी. क्या हैं ये गैंसें?यूरोपीय संघ में गुरुवार को बेहद खतरनाक ग्रीनहाउस गैसों में शामिल हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स गैसों को फेज आउट करने पर संधि हुई है. संघ के सभी 27 सदस्य 2050 तक इन गैसों का इस्तेमाल पूरी तरह बंद करने पर सहमत हुए हैं. HFC भी कही जाने वाली हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स गैसें, हीटिंग और कूलिंग के साथ-साथ फोम में भी इस्तेमाल होती हैं.
फ्लोरीन और हाइड्रोजन के परमाणुओं से बनाई गई ये गैसें पृथ्वी को सूर्य के घातक विकिरण से बचाने वाली ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती हैं.
यूरोपीय संघ की अध्यक्षता करने वाली स्पेन की जलवायु मंत्री टेरेसा रिबेरा ने डील पर खुशी जताते हुए कहा, "ऐसे तत्व हमारे ग्रह की सेहत पर बहुत ही नकारात्मक असर डालते हैं और इन्हें फेज आउट किया ही जाना चाहिए. यह समझौता जलवायु परिवर्तन से लड़ने के हमारे साझा लक्ष्य की तरफ एक अहम कदम है."
क्या हैं सुपर ग्रीनहाउस, फ्लोरिनेटेड गैसें
यूरोप में 2023 की शुरुआत से फ्लोरिनेटेड गैसों के इस्तेमाल को फेज आउट किया जा रहा है. इन मानव निर्मित गैसों को F गैसें भी कहा जाता है. F गैसों को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में बांटा जाता है. ये हैं: हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स (HFC), परफ्लोरोकार्बन्स (PFC), सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6) और नाइट्रोजन ट्राइफ्लोराइड (NF3).
F गैसें एल्युमिनियम प्रोसेसिंग के दौरान बड़ी मात्रा में बनती हैं. इनका इस्तेमाल, एयरकंडीशनर, रेफ्रिजेरटर, हीट पंप, एयरोसोल्स और प्रेशर स्प्रे में होता हैं. F गैसें अन्य ग्रीनहाउस गैसों के मुकाबले ज्यादा तापमान सोखती हैं. ये वायुमंडल में करीब 50,000 साल तक बनी रह सकती हैं.
औपचारिकता ही है अगला कदम
यूरोपीय संघ की डील के तहत F गैसों का इस्तेमाल करने वाले प्रोड्क्ट की बिक्री एक समयसीमा के तहत बैन की जाएगी. इन गैसों का इस्तेमाल करने वाले हीटपंप और एयरकंडीशनर 2035 के बाद ईयू में नहीं बिकेंगे.
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की दर घटाने में भारत को बड़ी कामयाबी
यूरोपीय संसद में इस समझौते का पुरजोर समर्थन करने वाले हॉलैंड के सांसद बास इकहाउट ने कहा, "F गैसें आमतौर पर अनजान बनी रहती हैं, लेकिन जलवायु पर इनका तगड़ा असर पड़ता है. आज के समझौते से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि हम जल्द से जल्द इन सुपर ग्रीनहाउस से मुक्ति पाएं."
अब यूरोपीय संघ के सभी देशों और ईयू के सांसदों को आधिकारिक रूप से इस संधि को स्वीकार करना होगा. आमतौर पर डील होने के बाद यह प्रक्रिया औपचारिकता ही मानी जाती है.
ओएसजे/वीएस (रॉयटर्स)