देश की खबरें | ऐलनाबाद उपचुनाव: कृषि कानून का मुद्दा चुनाव प्रचार में छाया रहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ऐलनाबाद विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम समाप्त हो गया। चुनाव प्रचार में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का मुद्दा क्षेत्र में पीने के पानी और महिला कॉलेजों की कमी सहित अन्य सभी मुद्दों पर हावी रहा।
सिरसा, 27 अक्टूबर ऐलनाबाद विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम समाप्त हो गया। चुनाव प्रचार में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का मुद्दा क्षेत्र में पीने के पानी और महिला कॉलेजों की कमी सहित अन्य सभी मुद्दों पर हावी रहा।
चुनाव प्रचार समाप्त होने के साथ ही उम्मीदवार अब 30 अक्टूबर को मतदान शुरू होने से पहले अगले दो दिनों तक घर-घर जाकर प्रचार करेंगे।
हालांकि कुल 19 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन इनेलो के अभय चौटाला, कांग्रेस के पवन बेनीवाल और भाजपा-जजपा गठबंधन के गोविंद कांडा को प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है।
ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण है जहां ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं। ऐसा पहली बार है कि कृषि कानून का मुद्दा अन्य सभी मुद्दों पर हावी है।
ऐलनाबाद विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कराना इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि इनेलो के मौजूदा विधायक अभय चौटाला ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में गत जनवरी में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से लेकर चुनाव प्रचार बंद होने तक, नेताओं ने कृषि कानूनों पर बहस की। नेताओं ने टूटी सड़कों, पीने के पानी की कमी, सिंचाई सुविधाओं और उच्च शिक्षा के लिए महिला कॉलेजों सहित अन्य मुद्दों को अधिक तवज्जो नहीं दी।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) उम्मीदवार अभय चौटाला के नाम की घोषणा एक किसान पंचायत के दौरान की गई थी, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा पार्टी ने उन्हें कृषि कानूनों को वापस लेने तक मैदान में न उतरने की सलाह दी थी।
वहीं विपक्षी कांग्रेस ने केंद्र पर कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की आड़ में किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया। लखीमपुर खीरी की घटना को भी विपक्षी दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रमुखता से उठाया।
किसानों ने कई बार भाजपा-जजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर काले झंडे दिखाकर विरोध किया, जिससे कुछ तनाव उत्पन्न हुआ।
इस चुनाव में खासकर कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की प्रतिष्ठा दांव पर है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, अजय चौटाला के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों ने अपने-अपने दल के प्रत्याशी के लिए प्रचार किया।
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