जरुरी जानकारी | देश में बिजली की खपत दिसंबर में 2.3 प्रतिशत घटकर 119.07 अरब यूनिट पर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश में बिजली की खपत दिसंबर में 2.3 प्रतिशत घटकर 119.07 अरब यूनिट (बीयू) रही। पिछले आठ माह में यह पहला मौका है, जब किसी महीने में बिजली खपत कम हुई है। इसका कारण मुख्य रूप से हल्की ठंड पड़ने से गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों की मांग का कम होना है।

नयी दिल्ली, एक जनवरी देश में बिजली की खपत दिसंबर में 2.3 प्रतिशत घटकर 119.07 अरब यूनिट (बीयू) रही। पिछले आठ माह में यह पहला मौका है, जब किसी महीने में बिजली खपत कम हुई है। इसका कारण मुख्य रूप से हल्की ठंड पड़ने से गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों की मांग का कम होना है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत 1.5 प्रतिशत घटकर 132.02 अरब यूनिट रही थी। दिसंबर, 2022 में बिजली खपत 121.91 अरब यूनिट थी। यह इससे एक साल पहले इसी महीने में 109.17 अरब यूनिट के मुकाबले अधिक थी।

बिजली की अधिकतम मांग दिसंबर में 213.62 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) रही। जबकि 2022 में यह 205.10 गीगावाट और दिसंबर, 2021 में 189.24 गीगावाट थी।

विशेषज्ञों के अनुसार, दिसंबर के पहले पखवाड़े में हल्की सर्दी के कारण बिजली की खपत के साथ-साथ मांग भी कम रही। हालांकि, विशेषरूप से उत्तर भारत में महीने की दूसरे पखवाड़े में पारे में तेजी से गिरावट के बाद खपत और मांग बढ़ी।

आंकड़ों के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग 29 दिसंबर को 213.62 गीगावाट पर पहुंच गयी। यह तीन दिसंबर को 174.16 गीगावाट थी। यह 14 दिसंबर, 2023 को 200.56 गीगावाट पर पहुंच गयी।

बिजली मंत्रालय ने देश में बिजली की मांग गर्मियों में 229 मेगावाट पर पहुंचने का अनुमान जताया था। हालांकि, बेमौसम बारिश के कारण मांग अप्रैल-जुलाई के दौरान इस स्तर पर नहीं पहुंची।

हालांकि, बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट पहुंच गयी, जो जुलाई में 209.03 गीगावाट थी। अगस्त में अधिकतम मांग 238.82 गीगावाट और सितंबर 2023 में 243.27 गीगावाट रही। अक्टूबर और नवंबर में यह क्रमश: 222.16 गीगावाट और 204.86 गीगावाट रही।

विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ने और ठंड बढ़ने के साथ आने वाले महीनों में बिजली की खपत में वृद्धि की संभावना है।

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