निर्वाचन आयोग को यह समझना चाहिए कि राकांपा संस्थापक अब भी मौजूद हैं : संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को यह समझना चाहिए कि अलग हो चुके नेता अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर रहे हैं, जबकि पार्टी के संस्थापक शरद पवार अब भी मौजूद हैं और यहां तक कि पार्टी में टूट के सिलसिले में शीर्ष चुनावी संस्था में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे थे।
मुंबई, 9 अक्टूबर : शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को यह समझना चाहिए कि अलग हो चुके नेता अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर रहे हैं, जबकि पार्टी के संस्थापक शरद पवार अब भी मौजूद हैं और यहां तक कि पार्टी में टूट के सिलसिले में शीर्ष चुनावी संस्था में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे थे. राज्यसभा सदस्य राउत ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजनीतिक दलों और परिवारों को तोड़ने का एक चलन शुरू किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि यदि भाजपा राजनीतिक दलों में विभाजन कराती है तो विचारधारा मूल पार्टी के साथ ही बनी रहती है. जब कोई एकनाथ शिंदे की शिवसेना या अजित पवार की राकांपा कहता है, तो लोग हंसते हैं.’’ शिवसेना में, शिंदे के नेतृत्व में बगावत होने का बाद पार्टी पिछले साल जून में टूट गई थी, जबकि अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के इस साल दो जुलाई को राज्य सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा विभाजित हो गई.
निर्वाचन आयोग द्वारा पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना) में विधानसभा चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा किये जाने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सभी पांच राज्यों में जीतेगा. इन पांचों राज्यों में मतगणना तीन दिसंबर को होगी.
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