विदेशों में भारत को 'लोकतंत्र की जननी' के रूप में चित्रित करने का प्रयास जारी: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि भारत ने इस संदेश पर जोर देने के लिए विदेशों में अपने सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से गतिविधियां शुरू की हैं कि भारत लोकतंत्र की जननी है।
नयी दिल्ली, 9 फरवरी : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि भारत ने इस संदेश पर जोर देने के लिए विदेशों में अपने सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से गतिविधियां शुरू की हैं कि भारत लोकतंत्र की जननी है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर सरकार ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के साथ चर्चा की है.
उन्होंने सदस्यों से कहा, ‘‘हमने पहले ही अपने सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से विदेशों में गतिविधियां शुरू कर दी हैं ताकि इस संदेश पर जोर दिया जा सके कि भारत लोकतंत्र की जननी है...इस संदेश पर जोर दिया जा सके कि भारत में एक बहुलवादी और परामर्शी परंपरा है, जिसकी बराबरी बहुत कम समाज कर सकते हैं.’’ यह भी पढ़ें : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ प्रमुख के साथ वर्चुअल बैठक की
भाजपा सदस्य राकेश सिन्हा ने यह पूछा था कि क्या हार्वर्ड और कैम्ब्रिज जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में भारत के लोकतंत्र की जननी होने को लेकर कोई विमर्श शुरू किया जाएगा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी कहा है.
इसके जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘यह बहुत प्रगति पर है.’’
ब्रजेन्द्र अविनाश