Rajasthan: वृहद् परियोजनाओं के जल का हो कुशलतम उपयोग - मुख्यमंत्री गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के काम में तेजी लायी जा रही है. उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग की विभिन्न वृहद् जल परियोजनाओं में छीजत रोकने के साथ ही जल का कुशलतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि जल जीवन मिशन के लिए इन परियोजनाओं से जल की उपलब्धता सुलभ हो सके.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Photo Credits: PTI)

जयपुर, 1 अक्टूबर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के काम में तेजी लायी जा रही है. उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग की विभिन्न वृहद् जल परियोजनाओं में छीजत रोकने के साथ ही जल का कुशलतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि जल जीवन मिशन के लिए इन परियोजनाओं से जल की उपलब्धता सुलभ हो सके. गहलोत बृहस्पतिवार को जल जीवन मिशन की ऑनलाइन समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर में नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य वाली यह यह एक महत्वाकांक्षी योजना है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान की पेयजल आवश्यकताओं को देखते हुए जरूरी है कि चंबल परियोजना, माही बांध, नर्मदा परियोजना सहित अन्य वृहद् परियोजनाओं के जल का कुशलतम उपयोग किया जाए. साथ ही व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल को संचित कर उसका कुशल उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल सीमित मात्रा में है, जबकि मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि इजरायल जैसे देशों का अध्ययन कर जल के संरक्षण और समुचित उपयोग पर विशेष जोर दिया जाए. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के माध्यम से नए स्रोत विकसित किए जाएं. जिनसे भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. यह भी पढ़ें : सत्तारूढ़ भाजपा विधायक ने धेमाजी जिले में मंत्रिमंडल बैठक को ”अनावश्यक दिखावा” करार दिया

उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में किसानों को स्प्रिंक्लर एवं बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति के अधिकाधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए. जलदाय मंत्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि प्रदेश में 15 अगस्त, 2019 तक 11 लाख 73 हजार ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन मिल चुके थे. इसके बाद करीब दो वर्षों में 74 लाख से अधिक स्वीकृतियां जारी की गई हैं. मिशन के तहत 8 हजार 162 पेयजल परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है.

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