जयपुर, 29 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना व स्वास्थ्य का अधिकार कानून (आरटीएच) का जिक्र करते हुए शनिवार को दावा किया कि उनकी सरकार 'निरोगी राजस्थान' के संकल्प को साकार कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा व स्वास्थ्य को राज्य सरकार की प्राथमिकता बताया।
गहलोत ने शनिवार को बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ में राजकीय प्रभा ताई ओझा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गुसांईसर बड़ा के भवन और स्टाफ क्वार्ट्स का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य है और इस दिशा में कृतसंकल्पित होकर ‘निरोगी राजस्थान‘ के संकल्प को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा और सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क ओपीडी, आईपीडी और जांच सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
गहलोत ने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन राशि न्यूनतम 1,000 रुपए कर दी गई है जिससे लोगों को संबल मिलेगा। अपनी सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ग के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं लागू कर राहत प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में विद्यालय, महाविद्यालय, सड़कें, पानी और बिजली सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और मंहगाई से निजात दिलाने के लिए प्रदेश में महंगाई राहत कैंप लगाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 40 लाख महिलाओं को पहले चरण में रक्षाबंधन से तीन साल की इंटरनेट सेवा के साथ स्मार्टफोन निःशुल्क उपलब्ध कराएंगे।
गहलोत ने कहा, ‘‘देश में पहली बार राजस्थान में स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) लागू किया गया है। पूरे देश में सराहना हो रही है। केंद्र सरकार को भी आरटीएच को लागू करना चाहिए, जिससे बिना भेदभाव सभी को चिकित्सा सुविधा मिल सके।’’ उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र (संप्रग) सरकार द्वारा कानून बनाकर खाद्य सुरक्षा, सूचना, शिक्षा एवं रोजगार गारंटी सहित कई अधिकार दिए गए। वर्तमान केंद्र सरकार को भी कानून बनाकर आमजन को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में उपलब्ध चिकित्सकीय व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने इस केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में क्रमोन्नत करने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी जड़ों, संस्कृति और परम्पराओं से जुड़े रहना राजस्थान के प्रवासियों की खूबी हैं। किसी भी राज्य या किसी देश में चले जाए, वहां प्रवासी राजस्थानी मिलेंगे।’’
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविंदराम मेघवाल, महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाला साहेब थोराट, ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्री डवलपमेंट बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी, केश कला बोर्ड अध्यक्ष महेंद्र गहलोत, गुजरात से राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल, विधायक गोविंद सिंह डोटासरा व बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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