तिरुवनंतपुरम, 21 नवंबर केरल माकपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय एक ऐसी एजेंसी बन गई है जो दिन-प्रतिदिन अपनी विश्वसनीयता खो रही है और सोना तस्करी मामले की जांच करने आने वाले अन्य हर चीज की जांच कर रहे हैं तथा सरकार को निशाना बनाने और पलटने का प्रयास कर रहे हैं।
माकपा ने यह भी कहा कि केन्द्रीय जांच एजेंसी की विश्वसनीयता की इन तथ्यों की रोशनी में समीक्षा की जानी चाहिये कि ईडी के निदेशक के कार्यकाल को असाधारण तरीके से बढ़ाने को लेकर कानूनी विशेषज्ञों ने केंद्र की भाजपा सरकार की खुलेआम आलोचना की थी।
यह भी पढ़े | दिल्ली: लाल किले में मार्च 2021 तक शुरू होगा लाइट एंड साउंड शो, प्रस्ताव को सशर्त मंजूरी.
वामपंथी पार्टी ने एक बयान में आरोप लगाया कि सोना तस्करी मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी बार-बार वही बात दोहरा रही है जो विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा कह रहे हैं।
माकपा की यह प्रतिक्रिया मीडिया के एक वर्ग द्वारा निदेशालय के सूत्रों के हवाले से दी गई उस खबर के तत्काल बाद आई है, जिनमें कहा गया है कथित रूप से सोना तस्करी मामले के आरोपी स्वप्ना सुरेश की जो वीडियो सामने आई है, उसका उद्देश्य एजेंसी की छवि खराब करना है।
कथित रूप से सुरेश की उस ऑडियो क्लिप में आरोप लगाया गया है कि केन्द्रीय जांच एजेंसियां मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ बयान देने के लिये उनपर दबाव डाल रही हैं। इस ऑडियो के सामने आने के बाद केरल की राजनीति में हंगामा खड़ा हो गया।
माकपा ने कहा, ''यह स्पष्टीकरण हास्यास्पद है कि इस कदम का मकसद प्रवर्तन निदेशालय की विश्वसनीयता को कमजोर करना है।''
पार्टी ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में सामने आई ईडी की कथित प्रतिक्रिया उजागर करती है कि एजेंसी केरल की वाम सरकार को पलटने की आपराधिक साजिश का भी हिस्सा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)