देश की खबरें | ईडी को यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट के इस्तेमाल की अनुमति मिली
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तकों संजय चंद्रा, अजय चंद्रा और अन्य के खिलाफ दाखिल किए जाने वाले आरोप पत्र में अदालत द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट का इस्तेमाल करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अनुमति दे दी।
नयी दिल्ली, 10 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तकों संजय चंद्रा, अजय चंद्रा और अन्य के खिलाफ दाखिल किए जाने वाले आरोप पत्र में अदालत द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट का इस्तेमाल करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने ईडी को ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट पर भरोसा करने की तब अनुमति दी जब जांच एजेंसी ने कहा कि यह चंद्रा बंधुओं के खिलाफ मामले को और मजबूत करेगी। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि एजेंसी अगले सप्ताह धन शोधन मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगी।
पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत ने छह अक्टूबर 2021 को चंद्रा बंधुओं के साथ फॉरेंसिक ऑडिटर रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया था और चूंकि अब प्रवर्तन निदेशालय इस रिपोर्ट पर भरोसा करना चाहता है, इसलिए एजेंसी अदालत से अनुमति और आदेश में संशोधन का अनुरोध कर रही है।’’
पीठ ने कहा कि वह अनुमति दे रही है। साथ ही स्पष्ट किया कि पहले का आदेश ईडी को फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट पर भरोसा करने से नहीं रोकेगा।
पीठ ने रियल इस्टेट कंपनी यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक हालिया मामले में जमानत के लिए यहां पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष पीएमएलए अदालत जाने की भी अनुमति दी।
पीठ ने कहा, ‘‘ईडी को अभियोजन शिकायत के साथ फॉरेंसिक ऑडिटर्स ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दी जाती है जिसे धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में दायर किया जाना है।’’
रमेश चंद्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि वह केवल अदालत को सूचित करना चाहते हैं कि रमेश जमानत के लिए निचली अदालत जा रहे है क्योंकि वह 84 साल के हैं और पिछले चार महीनों से हिरासत में है।
शीर्ष अदालत ने मुंबई की जेलों में बंद संजय और अजय चंद्रा को हर पखवाड़े में एक बार वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक करने की इजाजत दी और कहा कि उनके परिवार के सदस्य जेल नियमावली के अनुसार उनसे बात कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि आरोपियों के साथ बैठक करने के इच्छुक वकीलों को किसी भी डिजिटल् बैठक से पहले जेल अधिकारियों को बार काउंसिल लाइसेंस नंबर जैसी पहचान देनी होगी।
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