जरुरी जानकारी | कमजोर तुलनात्मक आधार से पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में तेज उछाल, 20.1 प्रतिशत बढ़ी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 20.1 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई। कोविड-19 की खतरनाक दूसरी लहर के बावजूद यह वृद्धि हासिल की गई है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही का तुलनात्मक आधार नीचे होने की वजह से इस साल ऊंची वृद्धि हासिल होने में मदद मिली है।
नयी दिल्ली, 31 अगस्त देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 20.1 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई। कोविड-19 की खतरनाक दूसरी लहर के बावजूद यह वृद्धि हासिल की गई है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही का तुलनात्मक आधार नीचे होने की वजह से इस साल ऊंची वृद्धि हासिल होने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
सरकार ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया था।
इस साल अप्रैल के मध्य में कोविड महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर की रोकथाम के लिये राज्यों के स्तर पर पाबंदियां लगायी गई थीं।
हालांकि, इतनी वृद्धि के बाद भी अर्थव्यवस्था कोविड से पहले की स्थिति में नहीं पहुंच पाई है।
मूल्य के हिसाब से सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही में 32,38,020 करोड़ रुपये रहा। यह 2019-20 की इसी तिमाही में 35,66,708 करोड़ रुपये से कम है।
पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ के दौरान जीडीपी घटकर 26,95,421 करोड़ रुपये रह गई थी।
एनएसओ ने एक बयान में कहा, ‘‘स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 2021-22 की पहली तिमाही में 32.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2020-21 की इसी तिमाही में 26.95 लाख करोड़ रुपये थी। यह 20.1 प्रतिशत वृद्धि को बताता है जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
बयान में कहा गया है कि 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर और सोच-विचाकर ‘लॉकडाउन’ लगाये गये।
इसके तहत जरूरी गतिविधियों को छोड़कर अन्य कार्यों के साथ लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगायी गयी।
बयान के अनुसार, ‘‘राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने विभिन्न राज्यों में ‘लॉकडाउन’ के निर्देशों पर विचार किया। कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों और आंकड़ा संग्रह व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा। इसका असर तिमाही जीडीपी अनुमानों पर भी हुआ है।’’
एनएसओ के आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि दर 2021-22 की पहली तिमाही में बढ़कर 49.6 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 36 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
कृषि क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में 3.5 प्रतिशत थी।
निर्माण क्षेत्र की जीवीए वृद्धि 2021-22 की पहली तिमाही में 68.3 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 49.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 18.6 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले की इसी तिमाही में इसमें 17.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य जन केंद्रित सेवाओं की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 14.3 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इनमें 9.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
इसी प्रकार, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार तथा प्रसारण सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 34.3 प्रतिशत रही जबकि 2020-21 की इसी तिमाही में इसमें 48.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर 2021-22 की पहली तिमाही में 3.7 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 5.8 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 10.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
चीन की वृद्धि दर 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.9 प्रतिशत रही है।
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