जरुरी जानकारी | खरीफ तिलहन फसलों की आवक बढ़ने से अधिकांश तेल-तिलहन में गिरावट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. खरीफ तिलहन फसलों की आवक बढ़ने के बीच देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन लूज (तिलहन), सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतें गिरावट के साथ हुईं।
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर खरीफ तिलहन फसलों की आवक बढ़ने के बीच देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन लूज (तिलहन), सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतें गिरावट के साथ हुईं।
स्टॉकिस्ट कारोबारियों की लिवाली बढ़ने से तेल मिलों द्वारा अपने परिचालन के लिए सोयाबीन तिलहन का खरीद दाम बढ़ाने से सोयाबीन दाना (तिलहन) में सुधार हुआ। वहीं मिलावटी खल के दाम में और गिरावट आने के बाद तेल मिलों का कामकाज सुस्त पड़ने से बिनौला तेल के भाव पूर्ववत बंद हुए।
मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में भारी गिरावट रही।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन बिक्री का पंजीकरण होने के बाद किसानों से सोयाबीन की सरकारी खरीद 25 अक्टूबर के बाद शुरू होने की उम्मीद है। इस दौरान बाजार में स्टॉकिस्ट जरुरतमंद किसानों से लगभग 10 प्रतिशत कम दाम पर सोयाबीन दाना खरीद कर स्टॉक कर रहे हैं।
इस बीच सोयाबीन पेराई मिलों को अपना परिचालन करने के लिए स्टॉक की कमी हो रही है और उन्होंने स्टॉकिस्टों से सोयाबीन की खरीद दाम को बढ़ाया है जिसके कारण सोयाबीन दाना की कीमतों में सुधार है। दूसरी ओर नये फसल में नरमी होने से कारोबार प्रभावित होने से सोयाबीन लूज (तिलहन) की कीमतों में गिरावट है।
शिकागो एक्सचेंज में गिरावट के कारण सोयाबीन तेल कीमतें भी हानि दर्शाती बंद हुई। वैसे बाजार में सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बिक रहा है।
विदेशी एक्सचेंजों में गिरावट की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद मूंगफली सहित अन्य देशी तेलों के दाम घटे हैं और आयात शुल्क बढ़ाने के बाद तेल के दाम बढ़ने के आकलन गलत साबित हुए हैं। आयात शुल्क में वृद्धि के बाद राजस्थान और गुजरात में मूंगफली तेल का दाम लगभग 10 प्रतिशत घटकर क्रमश: 122-123 रुपये और 132-133 रुपये लीटर रह गया है।
उन्होंने कहा कि सहकारी संस्था नाफेड की बिकवाली जारी रहने के बीच सरसों तेल-तिलहन में भी गिरावट है।
सूत्रों ने कहा कि किसानों की ऊपज सस्ते में खरीदने के लिए मिलावटी खल निर्माताओं ने बिनौले खल का भाव और तोड़ा है। पिछले दो दिनों में बिनौला खल का भाव 3,200 रुपये क्विंटल से घटकर अब 3,000 रुपये क्विंटल रह गया है। इस कारण बिनौला पेराई मिलें कम चलने से बिनौला तेल का भाव पूर्ववत बना रहा। मिलावटी बिनौला खल का दाम असली बिनौला खल से लगभग 33 प्रतिशत नीचे चल रहा है। इस ओर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,625-6,675 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,250-6,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,230-2,530 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,175-2,275 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,175-2,290 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,200 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,6 00 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,625-4,670 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,250-4,495 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।
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