दिल्ली में प्रदूषण संबंधी अध्ययन के लिए डीपीसीसी ने आईआईटी कानपुर के साथ किया करार
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दिल्ली में प्रदूषण के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रदूषक तत्वों के वास्तविक समय (रियल टाइम) में विभाजन संबंधी अध्ययन के लिए आईआईटी कानपुर के साथ शुक्रवार को एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर : दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दिल्ली में प्रदूषण के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रदूषक तत्वों के वास्तविक समय (रियल टाइम) में विभाजन संबंधी अध्ययन के लिए आईआईटी कानपुर के साथ शुक्रवार को एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को यह बताया.राय ने बताया कि यह अध्ययन 23 महीने तक चलेगा. उन्होंने कहा कि रियल टाइम आधार पर प्रदूषण के स्रोत को समझने के लिए यह अपनी तरह का पहला प्रयास होगा.
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने फरवरी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया था. प्रदूषकों के विभाजन संबंधी रियल टाइम अध्ययन के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं. अध्ययन के बाद रिपोर्ट दी जाएगी और फिर सरकार उसके मुताबिक समाधान खोजेगी.’’ राय ने कहा कि वैसे तो इस बारे में कई अध्ययन हुए हैं लेकिन दिल्ली में प्रदूषण के रियल टाइम स्रोत के बारे में सही-सही जानकारी नहीं है और अध्ययन से इस स्थिति के बारे में समाधान खोजने में मदद मिलेगी. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या के मामले में भी जेल जा चुका है देश विरोधी नारे लगाने का आरोपी: पुलिस
पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 12 करोड़ रूपये की इस परियोजना में दिल्ली में किसी भी स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी चाहे वे वाहनों के कारण हों, धूल, कचरा जलाना या उद्योगों से निकलने वाला धुंआ हो या कुछ और.