मथुरा, 11 मई उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कांग्रेस पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के 21 वर्षीय भतीजे की समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से रविवार सुबह मौत हो गई।
कांग्रेस उपाध्यक्ष एडवोकेट अब्दुल जब्बार ने इस मामले में जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने एवं मरीजों की सुनवाई न करने का आरोप लगाया है।
जब्बार ने बताया, ‘‘उनके भतीजे अरबाज को स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कतें आने के बाद शुक्रवार को एक निजी अस्पताल नयति मेडिसिटी ले जाया गया था। वहां उसकी जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसके दिमाग में सूजन है। लेकिन कोरोना संक्रमित होने का अंदेशा जताते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया।’’
उन्होंने बताया, ‘‘अस्पताल का प्रबंधन उसके कोरोना संक्रमित नहीं होने की सूरत में ही उसे भर्ती किए जाने को तैयार था। उनका कहना था कि वे मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर ही उसे भर्ती करेंगे। ऐसा किया जाना तत्काल संभव नहीं था। इसके बाद मजबूरन उसे मथुरा के ही एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जहां तबियत बिगड़ने के बाद रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई।’’
उपाध्यक्ष ने बताया कि वे दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में बात कर चुके थे लेकिन उन्हें वहां तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं मिल सकी। उन्होंने रात भर कई बार जिलाधिकारी और सीएमओ को फोन भी किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसलिए उनसे कोई मदद नहीं मिल सके।
उन्होंने जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिले में कोरोना संक्रमण से ज्यादा मौत आम मरीजों को समय पर इलाज न मिल पाने के कारण हो रही हैं। निजी अस्पताल नाजुक हालत वाले मरीजों को भी भर्ती करने से हाथ खड़े कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ऐसे मामलों पर भी चुप्पी साधे हुए है। गंभीर मरीजों के इलाज की कोई निश्चित व्यवस्था तय नहीं की जा रही है।
वहीं, नयति अस्पताल की निदेशक शिवानी शर्मा ने कहा है कि युवक कोरोना संदिग्ध था। इसलिए उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
उन्होंने कहा, “हमारे यहां उसका परीक्षण कर बताया दिया गया था कि उसके दिमाग में सूजन है।
इस मामले में जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं हो सका है।
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