देश की खबरें | मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव होंगी सपा की उम्मीदवार
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लखनऊ, 10 नवंबर मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने इसकी जानकारी दी ।
समाजवादी पार्टी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव-2022 के लिये पूर्व सांसद डिंपल यादव को प्रत्याशी घोषित किया है।’’
मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई है। उपचुनाव के लिए आवश्यक होने पर मतदान पांच दिसंबर को और मतों की गिनती आठ दिसंबर को होनी है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने 2012 और 2014 में कन्नौज लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
उम्मीदवार की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा ने कहा कि सपा वंशवाद की राजनीति से बाहर नहीं आ सकती है । भाजपा ने कहा कि लोग इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अच्छे काम को देखकर पार्टी को वोट देंगे।
मैनपुरी सीट से डिंपल को सपा का प्रत्याशी बनाए जाने पर शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनीतिक गलियारों में इस सीट के लिए यादव परिवार की अगली पीढ़ी के तेज प्रताप यादव का नाम पार्टी के संभावित उम्मीदवार के रूप में चल रहा था लेकिन आज अंतिम फैसला डिंपल के नाम पर हुआ।
मायावती की बसपा का मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव पर बयान आना अभी बाकी है। आम तौर पर बसपा उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारती है, लेकिन हाल ही में आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में मायावती के रुख में बदलाव देखकर दलित केंद्रित पार्टी का रुख देखना दिलचस्प होगा ।
बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को जून में आजमगढ़ में हुए उपचुनाव में ढाई लाख से ज्यादा वोट मिले थे, जिससे भाजपा के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने अखिलेश यादव के विधायक बनने के बाद खाली हुई सीट पर सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को मात दी थी।
मैनपुरी सीट से डिंपल की उम्मीदवारी को पार्टी संरक्षक व ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाने के सपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही इसे सपा कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश भी मानी जा रही है।
अखिलेश की करहल विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव की भूमिका को लेकर राजनीतिक गलियारों में जोरदार बहस चल रही है।
डिंपल (44) 2009 में फिरोजाबाद से राज बब्बर और 2019 में कन्नौज से भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक के खिलाफ लोकसभा उपचुनाव हार गई थीं। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने और उनके उत्तर प्रदेश विधान परिषद में प्रवेश करने के लिए सीट से इस्तीफा देने के बाद 2012 में वह कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं।
मैनपुरी से डिंपल यादव की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, "आप सपा से और क्या उम्मीद कर सकते हैं, जो केवल अपने परिवार को वरीयता देती है। मैनपुरी के लोग इस बार एक भाजपा सांसद का चुनाव करेंगे।"
सपा नेता और पूर्व विधानपरिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा कि उनकी पार्टी की उम्मीदवार रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीतेंगी।
कश्यप ने कहा, "मैनपुरी के लोगों ने हमेशा सपा पर भरोसा किया और पार्टी का समर्थन किया। नेताजी की मृत्यु के बाद लोग एक बार फिर पार्टी का समर्थन करेंगे और हमें उनकी सेवा करने का मौका देंगे।"
पार्टियों के सूत्रों के मुताबिक, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के कुल 12.13 लाख मतदाताओं में यादवों की हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी है, जबकि बाकी में शाक्य, ठाकुर, ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम समुदाय शामिल हैं ।
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह से जब सपा प्रत्याशी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उनके नेता मुलायम सिंह यादव की सीट है और यह उनका फैसला है, जिसका स्वागत है।
कांग्रेस इस सीट पर चुनाव लड़ेगी या नहीं, इस बारे में सिंह ने कहा, 'हमें अभी फैसला करना है। हमारे पास अभी समय है।'
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी ने तीन सीटें जीती थी वहीं भाजपा को दो सीटें मिलीं थी।
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