Reservation in Govt Jobs: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा के बाद ढाका यूनिवर्सिटी बंद, स्टूडेंट्स से छात्रावास खाली करने को कहा गया

अधिकारियों ने छात्रों को शाम छह बजे तक छात्रावास खाली करने के निर्देश दिए हैं. समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने प्रति-कुलपति (अकादमिक) प्रोफेसर सीतेश सी बाचर के हवाले से बताया कि यह निर्णय कुलपति एएसएम मकसूद कमाल के कार्यालय में एक आपात बैठक में लिया गया.

Photo Credit: X (Dhaka Tribune)

Reservation in Govt Jobs: अधिकारियों ने छात्रों को शाम छह बजे तक छात्रावास खाली करने के निर्देश दिए हैं. समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने प्रति-कुलपति (अकादमिक) प्रोफेसर सीतेश सी बाचर के हवाले से बताया कि यह निर्णय कुलपति एएसएम मकसूद कमाल के कार्यालय में एक आपात बैठक में लिया गया. बाचर ने ‘द डेली स्टार’ से कहा ,‘‘छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने विश्वविद्यालय को अनिश्चित काल के लिए बंद करने और हॉल खाली कराने का फैसला किया है.’’ समाचार पत्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और वे कुलपति के आवास पर एकत्र हो गए. सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हुई झड़प में मंगलवार को तीन विद्यार्थियों सहित कम से कम छह लोगों की मौत हो गई. इसके बाद स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.

उच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने वाले 2018 के सरकारी परिपत्र को पांच जून को अवैध घोषित कर दिया था, इसके बाद 10 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर यथास्थिति कायम रखने का आदेश जारी किया था. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों से अगली सूचना तक कक्षाएं स्थगित करने और छात्रावास खाली कराने को कहा था. इस पर बुधवार को ढाका विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था, सिंडिकेट की एक बैठक तत्काल बुलाई गई. यूजीसी का यह निर्देश प्रदर्शनों के दौरान हुई कई झड़पों के बाद आया है. ये झड़पें सोमवार को शुरू हुईं, जब सत्तारूढ़ अवामी लीग के छात्र मोर्चे के कार्यकर्ता प्रदर्शनकारियों के सामने आ गए. यह भी पढ़ें: Pune Zila Parishad Schools: स्कॉलरशिप की परीक्षा में 214 स्कुलों का रिजल्ट जीरो! पुणे के जिला परिषद की स्कूलों का हाल, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को थमाया कारण बताओ नोटिस

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प्रदर्शनकारी इस बात पर जोर दे रहे थे कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है. प्रदर्शनकारियों ने चार महत्वपूर्ण शहरों-मध्य ढाका, उत्तर पश्चिम राजशाही, दक्षिण पश्चिम खुलना और चट्टोग्राम में राजमार्ग और रेल मार्ग अवरूद्ध कर दिए. मौजूदा आरक्षण प्रणाली के तहत 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायकों की संतानों और पौत्र-पौत्रियों के लिए 30 फीसदी नौकरियां, प्रशासनिक जिलों के लिए 10 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत, जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए पांच प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं.

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