लॉकडउन में कई रियायतें देने के बावजूद कोविड-19 की स्थिति दिल्ली में नियंत्रित : केजरीवाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोग संक्रमित हो रहे हैं और साथ ही ठीक भी हो रहे हैं तो यह चिंता का विषय नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस कोई एक या दो दिन में खत्म नहीं होने वाला।

जियो

नयी दिल्ली, 25 मई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चौथे चरण में कई रियायतें देने के बावजूद शहर में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोग संक्रमित हो रहे हैं और साथ ही ठीक भी हो रहे हैं तो यह चिंता का विषय नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस कोई एक या दो दिन में खत्म नहीं होने वाला।

केजरीवाल ने पत्रकारों से ऑनलाइन बात करते हुए कहा कि अगर राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो उनकी सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकारी और निजी अस्पतालों के पास कोविड-19 मरीजों के लिए 4,500 बेड हैं और सोमवार से निजी अस्पतालों में 2,000 नये बेड उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि आप सरकार एक प्रणाली तैयार कर रही है, जिससे कोविड-19 मरीजों को निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में बेड मिल पाएंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ रियायतें देने के बाद उन्हें मामलों में बढ़ोतरी की आशंका थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन के चौथे चरण को शुरू हुए एक सप्ताह हो गया है। एक सप्ताह बाद मैं कह सकता हूं कि स्थिति नियंत्रित है और परेशान होने वाली कोई बात नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।

उनके अनुसार 17 मई तक दिल्ली में कोविड-19 के 9,755 मामले थे, जो कि सात दिन में करीब 3500 बढ़कर 13,418 हो गए।

केजरीवाल ने कहा कि इस दौरान हालांकि 2,500 मरीज ठीक भी हुए। वहीं पिछले सात दिन में केवल 250 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे दो हालात में ही चिंता होगी, पहली मरने वालों की संख्या अचानक बढ़ने लगे और दूसरी अगर मामलों के अचानक बहुत अधिक बढ़ने पर स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा जाए और अस्पतालों में बेड ही ना हो।’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में कोविड-19 के सामने आए 13,418 मामलों में से अभी तक 261 लोगों की जान गई है। वहीं इनमें से 6540 लोग ठीक हो चुके हैं और 6617 का अभी इलाज चल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के 3,829 बेड हैं, जिनमें से 1,478 भरे हैं। करीब 2500 बेड अब भी खाली हैं। सरकारी अस्पतालों में हमारे पास 250 वेंटिलेटर, जिनमें से 11 भरे हैं।’’

दिल्ली सरकार ने रविवार को निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम जिनके पास 50 बेड या उससे अधिक की क्षमता है उन्हें निर्देश दिया कि वे कोरोना वायरस मरीजों के लिए कुल बेड क्षमता में से 20 प्रतिशत आरक्षित रखें।

केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से निजी अस्पतालों में करीब 2000 नए बेड उपलब्ध होंगे।

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