देश की खबरें | ‘जुमलाजीवी’ जैसे शब्दों को असंसदीय बताना लोकतंत्र का अपमान, हम इनका इस्तेमाल करेंगे : कांग्रेस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुख्य विपक्षी दल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से यह आग्रह भी किया कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें।
मुख्य विपक्षी दल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से यह आग्रह भी किया कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की शासन शैली का सही वर्णन करने वाले शब्दों को बोलने पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नए भारत के लिए यह नया शब्दकोष है।’’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब 'असंसदीय' माने जाएंगे। अब आगे क्या विषगुरु?"
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया, ‘‘सरकार की मंशा है कि जब वह भ्रष्टाचार करे, तो उसे भ्रष्ट नहीं बल्कि, भ्रष्टाचार को 'मास्टरस्ट्रोक' बोला जाए, "2 करोड़ रोजगार", "किसानों की आय दुगनी" जैसे जुमले फेंके, तो उसे जुमलाजीवी नहीं बल्कि ‘थैंक यू' बोला जाए।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘संसद में देश के अन्नदाताओं के लिए आंदोलनजीवी शब्द किसने प्रयोग किया था?’’
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद की कार्यवाही के नियमों से जुड़ी पुस्तिका पहले से मौजूद है और इसके अतिरिक्त सरकार कुछ थोपना चाहती है तो उसे स्वीकारा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को घेरने के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता रहेगा।
पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकतंत्र का गला घोंटने का मैं गुजरात में गवाह रहा हूं जब नरेंद्र मोदी जी मुख्यमंत्री थे...आज तक किसी सदन में ‘जुमलाजीवी’, ‘भ्रष्ट’, ‘आप झूठ बोल रहे हैं’, ‘आप नौटंकी कर रहे हैं’ जैसे शब्दों और वाक्यों को असंसदीय नहीं माना गया। भाजपा के लोग विपक्ष में रहते हुए इन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे।’’
उन्होंने आरोप लगाया,‘‘ जुमलाजीवी जैसे शब्द प्रधानमंत्री पर चिपक रहे थे, इसलिए इन्हें बोलने से रोका गया है... भाजपा सरकार का यह कार्यकाल लोकतंत्र के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। यह लोकतंत्र का अपमान है।’’
गोहिल ने कहा, ‘‘मैं लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से कहना चाहता हूं कि आप दोनों सदन के संरक्षक हैं, आप यह कैसे होने दे सकते हैं?’’
गोहिल ने कहा, ‘‘हम इस मंच से लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से आग्रह करते हैं और आगे आधिकारिक रूप से भी कहेंगे कि संसद की यह परंपरा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘जुमलेबाजी’ ‘जुमलाजीवी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे । ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे।
दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।
संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले, सदस्यों के उपयोग के लिये जारी किये गए इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्यों को शामिल किया गया है जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था ।
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