भोपाल, एक जनवरी भोपाल गैस त्रासदी में जीवित बचे लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले ‘संभावना ट्रस्ट’ के विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण को बहाल करने की मांग को लेकर एक संगठन ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया।
‘यूनियन कार्बाइड पॉइजन विकटिम हेल्थकेयर राइट्स फ्रंट’ के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू किया और कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को ट्रस्ट के लिए शीघ्र एफसीआरए पंजीकरण की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
फ्रंट ने एक बयान में दावा किया कि गैस त्रासदी से बचे लोगों को मुफ्त विशेष स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला ‘संभावना ट्रस्ट क्लिनिक’ रविवार को बंद हो गया क्योंकि एफसीआरए पंजीकरण की बहाली में देरी के कारण इसकी निधि खत्म हो गई है।
भोपाल में 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात को यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से अत्यधिक जहरीली गैस ‘मिथाइल आइसोसाइनेट’ लीक हो गई थी जिसके कारण कम से कम 5,479 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग अपंग हो गए। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।
बंद हो चुके यूनियन कार्बाइड कारखाने से एक किलोमीटर दूर बाफना कॉलोनी में धरना शुरू हुआ।
संभावना ट्रस्ट द्वारा संचालित क्लिनिक में पंजीकृत कई पीड़ितों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। धरने में शामिल 14 लोगों में क्लिनिक में उपचार कराने वाले पीड़ित, गैस त्रासदी पीड़ितों के संगठनों के सदस्य और क्लिनिक के कर्मचारी भी थे।
स्थानीय पत्रकार एवं क्लिनिक में इलाज कराने वाले पी चंद्रहास शुक्ला ने सरकार से आग्रह किया कि वह सुनिश्चित करे कि संभावना ट्रस्ट को बिना किसी देरी के एफसीआरए के तहत अपना पंजीकरण वापस मिल जाए ताकि विदेशों से चंदा प्राप्त किया जा सके।
धरना स्थल पर बैठे शुक्ला ने कहा कि वह अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कई सरकारी और निजी अस्पतालों में गए, लेकिन संभावना ट्रस्ट क्लिनिक में इलाज के बाद ही वह ठीक हो पाए।
त्रासदी पीड़ितों के संगठन भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की सदस्य नसरीन ने अपने संगठन की ओर से ‘हेल्थकेयर राइट्स फ्रंट’ को समर्थन दिया।
संभावना ट्रस्ट के सलाहकार सतीनाथ सारंगी ने कहा कि क्लिनिक बंद होने के कारण बेरोजगार हुए 52 कर्मचारियों को उम्मीद है कि हजारों पीड़ितों से मिल रहे समर्थन के कारण जल्द एफसीआरए पंजीकरण बहाल हो जाएगा।
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