जरुरी जानकारी | छह प्रमुख शहरों में जून तिमाही में कार्यालय स्थल की मांग स्थिर, आपूर्ति 32 प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश के छह प्रमुख शहरों में अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान औसत कार्यालय किराया 95 रुपये प्रति वर्ग फुट पर स्थिर रहा। इस दौरान नई आपूर्ति जहां 32 प्रतिशत बढ़ी है वहीं मांग में मात्र दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया के तिमाही आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
नयी दिल्ली, पांच जुलाई देश के छह प्रमुख शहरों में अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान औसत कार्यालय किराया 95 रुपये प्रति वर्ग फुट पर स्थिर रहा। इस दौरान नई आपूर्ति जहां 32 प्रतिशत बढ़ी है वहीं मांग में मात्र दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया के तिमाही आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
कोलियर्स की यह रिपोर्ट छह प्रमुख कार्यालय बाजारों....बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून की तिमाही में शीर्ष छह शहरों में 1.46 करोड़ वर्ग फुट कार्यालय स्थल पट्टे पर दिया गया। यह एक साल पहले की समान अवधि के 1.43 करोड़ वर्ग फुट के आंकड़े से दो प्रतिशत अधिक है। मुख्य रूप से पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग में प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र का योगदान रहा।
चेन्नई में कार्यालय स्थलों की मांग तीन गुना हो गई और इसने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई को पीछे छोड़ दिया।
नए कार्यालय स्थलों की आपूर्ति इस दौरान 32 प्रतिशत बढ़कर 1.24 करोड़ वर्ग फुट हो गई। एक साल पहले इन छह शहरों में आपूर्ति 94 लाख वर्ग फुट रही थी।
इन छह शहरों में कार्यालय स्थलों का औसत मासिक किराया 95 रुपये प्रति वर्ग फुट पर स्थिर रहा।
कोलियर्स के प्रबंध निदेशक (कार्यालय सेवाएं, भारत) पीयूष जैन ने कहा, ‘‘तिमाही के दौरान मांग में जहां मामूली सुधार हुआ, वहीं आपूर्ति 32 प्रतिशत बढ़ गई। इस वजह से किराया स्थिर रहा।’’
जैन ने कहा कि आगामी तिमाहियों में मांग में सुधार से साल के अंत तक किराया बढ़ सकता है।
शहरों के आधार पर देखा जाए, तो बेंगलुरु में अप्रैल-जून में कार्यालय स्थल की मांग 22 प्रतिशत घटकर 34 लाख वर्ग फुट पर आ गई। एक साल पहले समान अवधि में मांग 44 लाख वर्ग फुट थी। हालांकि, बेंगलुरु में आपूर्ति दोगुना से अधिक होकर 16 लाख वर्ग फुट से 38 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई।
बेंगलुरु में कार्यालय स्थल का किराया एक प्रतिशत बढ़कर 91.9 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।
चेन्नई में कार्यालय स्थल की मांग तीन गुना होकर 33 लाख वर्ग फुट हो गई। एक साल पहले समान अवधि में यह 11 लाख वर्ग फुट थी। चेन्नई में नई आपूर्ति 10 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 24 लाख वर्ग फुट हो गई। वहीं किराया दो प्रतिशत बढ़कर 75.1 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।
दिल्ली-एनसीआर में कार्यालय स्थल की मांग 11 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख से 31 लाख वर्ग फुट हो गई। वहीं नई आपूर्ति 43 प्रतिशत बढ़कर 21 लाख वर्ग फुट रही। दिल्ली में कार्यालय स्थलों का औसत मासिक किराया दो प्रतिशत बढ़कर 92.4 रुपये से 94.2 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।
हैदराबाद में मांग में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 15 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 19 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई। वहीं नई आपूर्ति 19 प्रतिशत घटकर 38 लाख वर्ग फुट से 30 लाख वर्ग फुट पर आ गई।
हैदराबाद में मासिक किराया 73.7 रुपये प्रति वर्ग फुट पर लगभग स्थिर रहा।
मुंबई में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग 41 प्रतिशत घटकर 16 लाख वर्ग फुट पर आ गई। नई आपूर्ति 79 प्रतिशत गिरकर 10 लाख वर्ग फुट से दो लाख वर्ग फुट रह गई। यहां किराया 139.9 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 140.2 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गया।
पुणे में कार्यालय स्थल की मांग 28 प्रतिशत बढ़कर 17 लाख वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 13 लाख वर्ग फुट थी। वहीं नई आपूर्ति 52 प्रतिशत बढ़कर नौ लाख वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में छह लाख वर्ग फुट थी। पुणे में कार्यालय स्थलों का औसत मासिक किराया एक प्रतिशत बढ़कर 76.7 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।
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